बरेली विधायक अरुण कुमार के मंत्री बनने के बाद अब परवान चढ़ेगा आईटी पार्क, एक साल पहले हुई थी घोषणा

योगी मंत्रिमंडल में बरेली शहर विधायक डा. अरुण कुमार के शामिल होने के बाद लोगों की उम्मीद फिर जगी है। क्योंकि साल भर पहले शहरवासियों को एक ख्वाब दिखाया गया। शहर हवाई कनेक्टिविटी में इतिहास लिखने वाला आईटी हब के रूप में भी पहचान बनाने को आतुर है। जिसके लिए जमीन चिह्नित है और मुआवजे की रकम भी सरकार ने दे दी है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 27, 2022 10:51 AM IST

बरेली: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्री परिषद का गठन हो चुका है। उसमें बरेली शहर विधायक डा. अरुण कुमार का योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद लोगों की उम्मीद फिर जगी है। क्योंकि साल भर पहले शहरवासियों को एक ख्वाब दिखाया गया। शहर हवाई कनेक्टिविटी में इतिहास लिखने वाला आईटी हब के रूप में भी पहचान बनाने को आतुर है। जिसके लिए जमीन चिह्नित है और मुआवजे की रकम भी सरकार ने दे दी है। लेकिन प्रस्ताव के तैयार होने के बावजूद शहरवासियों को दिखाया गया सपना कागजों में ही सिमट कर रह गया है। अभी तक शासन की ओर से कोई अपडेट नहीं आया है।

कंपनी परिसर भूमि पर आईटी पार्क का होना है निर्माण 
शहर में सीबीगंज स्थित इंडियन टर्पिन टाइन एंड रोजिन कंपनी फैक्ट्री करीब 16 साल से बंद है। इस कारण वहां काफी जमीन खाली पड़ी है। इसके एक हिस्से में सौ बेड का ईएसआइ अस्पताल बनाया जा रहा है। वहां रह रहे लोगों को कुछ समय पहले हटाया जा चुका है। कंपनी की इस परिसर की करीब एक हेक्टेयर भूमि पर आईटी पार्क बनाया जाना है। 

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शासन ने करीब दो महीने दिया था मुआवजा
यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) कंपनी को आईटी पार्क बनाने का काम करना है। इस जमीन के बदले करीब दस करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया जा चुका है। लेकिन अभी तक कार्य नही शुरू हुआ है। शासन ने करीब दो माह पहले ही मुआवजा देने को दस करोड़ रुपये भेज दिए हैं। जनवरी महीने के पहले हफ्ते में जमीन की रजिस्ट्री कंपनी के पक्ष में करा दी गई है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने शहर पहुंचकर रजिस्ट्री करा ली है। उसके बाद चुनाव के चलते यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। आईटी पार्क कैसा बनेगा अब तक इस बाबत कोई ड्राफ्ट तैयार नहीं किया गया है।

जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद कोई सुनवाई नहीं 
यूपी के जिले बरेली में आईटी पार्क के लिए लंबे समय से मांग चल रही थी। इस प्रस्ताव को 27 मार्च 2021 को कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। इसकी स्वीकृति मिलने के बाद विशेष सचिव ऋषिरेंद्र कुमार ने उद्योग निदेशक कानपुर के ध्यानार्थ पत्र जारी किया था। जिसमें बरेली का आईटी पार्क की स्वीकृति के बाद भूमि खरीदने के लिए 10 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई थी। जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद अब इसे धरातल पर उतारा जाना है, लेकिन फिलहाल कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आईटी पार्क बनने से आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनियां शहर में आएंगी, जिससे जिले में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

जनपदवासियों का आईटी पार्क बनाए जाने का ख्वाब
जिले के लोगों का कहना है कि शहर में आईटी पार्क बनाए जाने का ख्वाब लंबे समय से दिखाया जा रहा है। इसके निर्माण की प्रक्रिया काफी धीमी है। जल्द पार्क बनने से यहां के युवा रोजगार के लिए बाहर नहीं जाएंगे। आईटी पार्क बनाने के लिए जगह खरीदी जा चुकी है, लेकिन इसके निर्माण की कोई गति आगे नहीं बढ़ी है। कंपनी जमीन लेने के बाद वापस लौटकर नहीं आई है। कोई प्लानिंग साझा नहीं की है। 

स्वतंत्र प्रभार मंत्री बोले- धरातल पर उतारने का होगा काम
आइटी पार्क बनाने की कवायद आईटीआर कंपनी का खाली जगह पर चल रही है। पिछली सरकार में भूमि खरीदने का काम पूरा हो गया था। अब आईटी पार्क को धरातल पर उतारने का काम किया जाएगा। हर तरह की बाधाओं को दूर कर जल्द पार्क स्थापित होगा। जिसमें आईटी क्षेत्र की बड़ी-बड़ी कंपनिया आएंगी। यह रोजगार सृजन का बड़ा केंद्र होगा।

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