आगरा: फिल्मी स्टाइल में बनाया था बदला लेने का प्लान, निशाना चूकने पर हो गई मौत, पुलिस ने ऐसे किया पर्दाफाश

यूपी के आगरा में चंद रुपए के लिए एक व्यक्ति खुद को गोली मरवाने के लिए तैयार हो गया। निशाना चूक जाने के कारण गोली उसके पेट की जगह सीने में लग गई। जिस कारण उसकी मौत हो गई। आरोपी ने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 18, 2022 5:57 AM IST

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। कासगंज के थाना सिढ़पुरा क्षेत्र में गांव ढूंढरा निवासी एक युवक की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई थी। वहीं बीते शनिवार को पुलिस ने इस घटना से जुड़े एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। जब पुलिस ने आरोपी से मामले की पूछताछ की तो हत्या का कारण पता चलने पर पुलिस भी हैरान रह गई। बीते पांच सितंबर को सुरेंद्र नामक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की यह कहानी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है।

चंद पैसों के लालच में खुद को मरवाया गोली
एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने जानकारी देते हुए बताया कि हत्या करने वाले आरोपी ही इस हत्याकांड के सबसे बड़े गवाह हैं। गांव प्रधान अशोक की गांव निवासी हंसराज और उसके बेटे से दुश्मनी थी। उनको फंसाने के लिए सुरेंद्र को गोली मारने का प्लान बनाया गया था। इसके लिए सुरेंद्र को पैसों का लालच दिया गया था। प्लान के अनुसार, गोली सुरेंद्र के पेट पर मारनी थी। लेकिन निशाना ऐसा चूका कि गोली सीधा उसके सीने में जाकर लगी। जिस कारण उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के दौरान सुरेंद्र खेत से घर वापस आ रहा था। गांव का प्रधान अशोक, मृतक सुरेंद्र और प्रधान का नौकर भूपेंद्र इस साजिश में शामिल थे। पुलिस ने इस हत्याकांज में चश्मदीद गवाह बने आरोपी भूपेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं गांव का प्रधान अभी भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। 

रंजिश के कारण साजिश को दिया गया अंजाम
हत्या की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने तहरीर के आधार पर हंसराज, उसके पुत्र और अन्य दो के खिलाफ हत्या की धाराओं में केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद जब पुलिस ने मामले की जांच शुरु की तो उन्हें नामजद आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। एसपी ने बताया कि हत्याकांड का खुलासा करने के लिए सीओ पटियाली आरके तिवारी के नेतृत्व में पुलिस की तीन टीमों का गठन किया गया। मामले की गहनता से जांच करने के बाद इस हकीकत सामने आ गई। आरोपी ने बताया कि हंसराज और उसके बेटे ने ग्राम समाज की जगह पर मोबाइल टॉवर लगाने का विरोध किया था। इसके बाद हंसराज ने अपने बाजू में खुद गोली मारकर फर्जी केस दर्ज करवाया था। जिस कारण दोनों पक्षों में रंजिश बनी हुई थी।

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