आगरा में पेट्रोल डालकर जिंदा जलाई गई थी संजलि, 2 दिन बाद हार गई थी जिंदगी की जंग, न्याय से 90 गवाह है दूर

यूपी के जिले आगरा में दसवीं की छात्र संजलि को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया था। उसके बाद वह दो दिन तक जिंदगी के लिए लड़ी लेकिन अंत में उसकी मौत हो गई। इस मामले में अभी भी न्याय मिलने के लिए 90 गवाह दूर है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 18, 2022 5:56 AM IST / Updated: Dec 18 2022, 11:29 AM IST

आगरा: उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में मलपुरा थाने के लालऊ में 18 दिसंबर 2018 को दिल दहलाने वाली घटना ने सुलहकुल नगर को स्तब्ध कर दिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि स्कूल से साइकिल पर घर आ रही दसवीं की छात्रा 15 साल की संजलि को सिरफिरे आशिक ने पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था। उसके बाद छात्रा की 20 दिसंबर को दिल्ली के सफदर जंग अस्पताल में मौत से जुझने के बाद जीवन की लड़ाई हार गई थी। संजलि न्याय से 90 गवाह दूर है। फिलहाल इस मामले में अब तक वादी और विवेचक समेत 18 लोगों की गवाही हो चुकी है। पूरे देश में सुर्खियों बना उक्त हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए आरोपियों को जेल भी भेजा था।

संजलि हत्याकांड मामले में 19 दिसंबर को है अगली गवाही
पुलिस ने विजय निवासी कलवारी जगदीशपुरा और आकाश निवासी लखनपुर सिकंदरा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वहीं मुख्य आरोपी तयेरे भाई योगेश ने खुदकुशी कर ली थी। सिरफिरे युवक योगेश ने अपने साथियों के साथ साजिश रचने के बाद संजलि से बदला लेने के लिए उसे पेट्रोल डालकर जला दिया था। पुलिस ने 23 मार्च 2019 में विजय और आकाश के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। उसमें 108 गवाह बनाए हैं और न्यायालय में 16 अप्रैल 2019 को आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय हुए। फिलहाल अभियोजन द्वारा संजलि के माता-पिता, विवेचक समेत 18 लोगों की गवाही कराई जा चुकी है और अगली गवाही 19 दिसंबर को है।

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बेटी के आरोपियों को सजा दिलाना चाहती है मां
मृतक छात्रा की मां अनीता कहती हैं कि संजलि को जिंदा जलाने वाले आरोपियों को सजा मिलने पर ही बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी। उन्हें कानून और न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है। उनका कहना है कि वह बेटी को तो नहीं बचा सकी लेकिन आरोपियों को सजा दिलाना चाहती हैं। जिससे कि कोई दूसरा बेटियों से इस तरह का दुस्साहस न कर सके। बेटी की मौत के बाद परिवार पर कई प्रकार की मुश्किलें सामने आई लेकिन वह हिम्मत नहीं हारी। फिलहाल इस घटना के आरोपी विजय और प्रकाश जमानत पर हैं। इस मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सत्य प्रकाश धाकड़ ने बताया कि पुलिस ने 108 लोगों को गवाह बनाया है। घटना के चश्मदीदों की गवाही हो चुकी है और अन्य की गवाही शेष है। 

पुलिस ने जुटाए थे ये साक्ष्य और घटनास्थल से बरामद किया था सामान
इस मामले में पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बाइक, दो हेलमेट, आरोपी योगेश का मोबाइल फोन, काला बैग, एक लाइटर यह सब सामान बरामद किया था और कोर्ट में इन्हीं सबको दिखाया है। पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध साक्ष्य योगेश के मोबाइल की वाट्सएप चैटिंग का विवरण, योगेश द्वारा लिए गए पत्र, योगेश द्वारा संजलि को दी गई साइकिल की रसीद, योगेश के मोबाइल से छात्रा संजलि के खींचे गए फोटो, इनमें वहीं फोटो है जो घटनास्थल पर खींचे गए थे। इन सबके अलावा योगेश का कुंजी लाल गुलकंदी देवी महाविद्यालय खेरागढ़ रोड कागारौल में चल रहे स्काउट एंड गाइड की कार्यशाला से घटना वाले दिन अनुपस्थिति रहने का साक्ष्य पुलिस ने जुटाए थे।

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