कानपुर हिंसा: ट्विटर पर भिड़े अखिलेश और ब्रजेश पाठक, केशव बोले- जुमा का सम्मान लेकिन जुर्म की इजाजत नहीं 

Published : Jun 04, 2022, 09:02 AM ISTUpdated : Jun 04, 2022, 09:03 AM IST
कानपुर हिंसा: ट्विटर पर भिड़े अखिलेश और ब्रजेश पाठक, केशव बोले- जुमा का सम्मान लेकिन जुर्म की इजाजत नहीं 

सार

कानपुर में हुई हिंसा की घटना को लेकर ट्विटर वार जारी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस मामले को उठाते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया। इसका करारा जवाब डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की ओर से दिया गया। 

कानपुर: यूपी के कानपुर में शुक्रवार को सामने आई घटना के बाद कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े हो रहे हैं। शुक्रवार को कानपुर में जुमे की नमाज के बाद बवाल देखा गया। यहां बीजेपी नेत्री नूपुर शर्मा के पैंगबर मोहम्मद को लेकर दिए बयान के खिलाफ जुलूस निकाला था। इस बीच दो समुदाय के लोग भिड़े और यह पूरा वाकया सामने आया। इस घटना में आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। वहीं इस हिंसा में कई बाईक, कार और स्कूटी को भी नुकसान पहुंचाया गया। इस मामले को लेकर सियासत भी गरमाई हुई है। 

अखिलेश यादव ने उठाया कानून व्यवस्था पर सवाल 
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ट्वीट कर इस प्रदेश की कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया। अखिलेश यादव ने लिखा कि, महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए भी पुलिस और ख़ुफ़िया-तंत्र की विफलता से भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान से, कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए भाजपा नेता को गिरफ़्तार किया जाए। हमारी सभी से शांति बनाए रखने की अपील है।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिया जवाब 
वहीं इस ट्वीट का जवाब प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के द्वारा दिया गया। उन्होंने अखिलेश के ट्वीट के जवाब में लिखा कि, 'अखिलेश जी कार्यवाही भी होगी, बुलडोजर भी चलेगा, कानपुर के पत्थरबाजों व घटना को सुनियोजित करने वालों पर, आप भूल गये शायद यह योगी जी की सरकार है, यहाँ अपराधियों को पाला नहीं पलायन करवाया जाता है।'

केशव बोले किसी को जुर्म की इजाजत नहीं 
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने भी इस मामले पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि, जिस दिन देश के महामहिम राष्ट्रपति, आदरणीय प्रधानमंत्री जी, राज्यपाल महोदया, मुख्यमंत्री जी कानपुर के नजदीक हों, देश दुनिया के उद्योगपति प्रदेश की राजधानी में हों. उस दिन कानपुर शहर में पत्थरबाजों का आतंक सुनियोजित साजिश नहीं है तो और क्या है? एक भी अपराधी बख्शा नहीं जायेगा! "जुमा" की नमाज़ अदा करने का सम्मान है, लेकिन यूपी में "जुर्म" करने की इजाज़त किसी को नहीं है. मौकापरस्त पार्टियों के बहकावे में आने से बेहतर है यूपी की विकास यात्रा में भागीदार बनें,सबके लिए बेहतर होगा। 

 

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