पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूक्रेन मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपाइयों की आदत दूसरों में दोष ढूंढने की है।
लखनऊ: यूक्रेन और रूस (Russia Ukraine War) के बीच युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में यूक्रेन के साथ-साथ वहां रहने वाले दूसरे देशों के नागरिक भी तकलीफों का सामना कर रहे हैं, जिनमें भारतीय छात्र भी शामिल हैं। फिलहाल भारत सरकार ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने में लगी है। तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव चल रहा है। जिस पर पार्टियां विपक्ष पर पलटवार करने से नहीं चूकती हैं। एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में यूक्रेन में पढ़ने वाले बच्चों को भाजपा मंत्री ने नाकाबिल बताया था। जिस पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भाजपा के मंत्री का अप्रत्यक्ष रूप से ये कहना कि नाकाबिल लोग ही यूक्रेन जैसे देशों में पढ़ने जाते हैं, घोर निंदनीय है। भाजपाइयों की आदत बन चुकी है कि वो अपनी कमी के लिए दूसरों में दोष ढूंढते हैं, बेरोज़गारी पर लोगों को ही नाकाबिल कह देते हैं व नोटबंदी, कोरोना के लिए व्यवस्था को।
भाजपा सरकार ने की है ढिलाई
बता दे कि मंगलवार को यूक्रेन में भारतीय छात्र नवीन की मृत्यु पर भी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी तंज कसते हुए कहा था कि मंत्रियों के पास चुनाव में प्रचार करने का समय है लेकिन भारतीयों को बचाने का नहीं। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि यूक्रेन युद्ध में एक भारतीय छात्र नवीन की मृत्यु का समाचार बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। भावभीनी श्रद्धांजलि! भाजपा सरकार की ढिलाई की वजह से आज एक परिवार ने अपना बच्चा खोया है। जनता सब देख रही है, मंत्रियों के पास चुनाव में प्रचार करने का समय है लेकिन भारतीयों को बचाने का नहीं! दुःखद।
90% मेडिकल स्टूडेंट नीट एग्जाम पास नहीं कर पाते
आपको बता दें कि इसी बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) के एक बयान ने हलचल मचा दी है। संसदीय मामलों, कोयला और खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कन्नड़ भाषा में कहा कि विदेश में पढ़ने वाले 90% मेडिकल स्टूडेंट नीट एग्जाम पास नहीं कर पाते हैं। हालांकि बाद में उन्होंने ये भी कहा कि अभी इस मुद्दे पर बहस करने का ये सही वक्त नहीं है। लेकिन केंद्रीय मंत्री के इस बयान की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है। लोग इस बयान को असंवेदनशील बता रहे हैं। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को अपने देश में वापस लाने के लिए लिए चार केंद्रीय मंत्रियों को भी यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा गया है।