रामनगरी अयोध्या में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी सर्वे को लेकर विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में कहीं पत्थर रख दो, सिंदूर लगा दो मंदिर बन जाता है। उनके इस बयान से अयोध्या के संतों में काफी नाराजगी भी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में सभी के बयान आ रहे है। लेकिन इसी बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रामनगरी अयोध्या में विवादित बयान दे दिया है। जिसके बाद से साधू संतों ने भी नाराजगी दिखाई है। अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे हिंदू धर्म में कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया।
बुलडोजर मुसलमान भाइयों को डराने के लिए
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इशारों में बाबरी मस्जिद को याद किया और कहा कि एक समय ऐसा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गई थीं। ये बुलडोजर सिर्फ धर्म, जाति और हमारे मुसलमान भाइयों को डराने के लिए है। कार्रवाई बड़े लोगों के लिए नहीं है। मंदिर के साथ-साथ अखिलेश यादव राज्य सरकार के घेरने से पीछ नहीं हटे। यहां पर उन्होंने योगी सरकार के कामकाज को लेकर जमकर हमला किया। सरकार जिस प्रकार राज्य में शासन को दुरुस्त करने में लगी हुई है, उसपर सवाल उठाते नजर आए।
रामनगरी में पांच साल की बच्ची के साथ होता दुष्कर्म
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकार को घेरते हुए कहते है कि अयोध्या जैसे पवित्र स्थान पर पांच साल की बच्ची का रेप होता है। वहां बुलडोजर नहीं चलाया गया लेकिन एक गरीब पर जरूर चलता है। एक व्यक्ति सब्जी लेने गया था उस पर बाबा का बुलडोजर चल गया है। दरअसल सिद्धार्थनगर से लौटते समय सपा मुखिया अखिलेश यादव अयोध्या में रुके थे, यहां पर उन्होंने एक होटल में प्रेसवार्ता की। इसी दौरान उन्होंने राज्य सरकार को हर तरह से घेरते हुए तंज कसे।
भाजपा ज्ञानवापी का मुद्दा जानबूझकर उठा रही
सिद्धार्थनगर से लौटते समय अखिलेश यादव ने अयोध्या में यह भी कहा कि देश में महंगाई बढ़ी है, वह भाजपा ने बढ़ाई है। अभी तक एक योजना चला रही थी, कि वन नेशन वन राशन, लेकिन अब योजना चला रही है कि वन नेशन वन उद्योग पति। इतना ही नहीं आगे कहते है कि भारतीय जनता पार्टी ज्ञानवापी का मुद्दा जानबूझकर उठा रही है। सभी का ध्यान ज्ञानवापी मस्जिद की ओर करके भाजपा उद्योगों को बेच रही है। सपा मुखिया यही नहीं रूके कहते है कि ज्ञानवापी मस्जिद के बहाने सरकार गेहूं को विदेश भेजकर कुछ लोगों को फायदा पहुंचा रही है।
बिजली के बिल को लेकर जा रहा धमकाया
अखिलेश आगे कहते है कि सभी ने निर्यात पर रोक लगाए जाने का समाचार पढ़ा और सुना होगा, लेकिन गेहूं विदेश भेजने का नहीं सुना होगा। देश के बंदरगाहों पर खड़े हजारों ट्रक गेहूं रोक के बावजूद भी विदेश भेज दिए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ पर तंज कसते हुए कहते है कि सीएम जी गरीबों की दुकान हटाना चाहते हैं, होर्डिंग हटाना चाहते है। पहले राशन दिया लेकिन अब उनकी मंहगे दाम में वसूली करना चाहते है। राज्य में बिजली कटौती को लेकर कहते है कि लोगों के घरों में बिजली का बिल पहुंचने लगा है। इतना ही नहीं बिजली का बिल न देने पड़े उसके लिए उनको धमकाया जा रहा है।
कानपुर: बदला लेने के लिए किशोर ने अपने ही नाबालिग दोस्त पर सेनिटाइजर डालकर जलाया, हालत गंभीर
लखनऊ के सिविल अस्पताल में बढ़ेंगे 400 बेड, बनेगा नया ओपीडी भवन और पार्किंग की भी होगी व्यवस्था