यूपी की राजधानी लखनऊ में अफ्रीकन स्वाइन फीवर अलर्ट को लेकर पूरे जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। डीएम का कहना है कि सुअरों की अस्वाभाविक मृत्यु की सूचना पशुपालन विभाग के जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ. अतुल कुमार अवस्थी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को उनके मोबाइल नंबर 9412188325 पर दें।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फैजुल्लागंज क्षेत्र में 116 सुअरों की मौत अफ्रीकन स्वाइन फीवर (एएसएफ) वायरस के संक्रमण से होने की पुष्टि के बाद पूरे जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसको लेकर डीएम सूर्यपाल गंगवार के आदेश के बाद सुअरों के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध और उनका बाड़े से निकालने पर भी रोक रहेगी। डीएम का कहना है कि सुअरों की मौत के बाद पशुपालन विभाग ने जांच के लिए रक्त, सीरम और विसरा के नमूने लेकर राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल की लैब को भेजे थे।
नमूने के बाद रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
लैब में हुई जांच के बाद रिपोर्ट में एएफएस वायरस की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि यह वायरस केवल सुअरों की प्रजाति को ही प्रभावित करता है। इससे पशुओं की अन्य प्रजातियां व इंसानों में संक्रमण नहीं होता है। सुअरों में भी इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं डीएम ने सुअरों से प्रभावित किसी भी प्रकार की बिमारी को लेकर नंबर भी जारी किए है। उनका कहना है कि सुअरों की अस्वाभाविक मृत्यु की सूचना पशुपालन विभाग के जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ. अतुल कुमार अवस्थी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को उनके मोबाइल नंबर 9412188325 पर दें।
इस प्रकार के लक्षणों के बाद तत्काल दें सूचना
सुअरों की मौत की सूचना ही नहीं इसके अलावा तथा पशुपालन विभाग का कंट्रोल रूम नंबर 9450195814 एवं 9415184493 भी सक्रिय रहेगा। किसी व्यक्ति में बुखार खासी व सांस फूलना आदि जैसे लक्षण दिखाई देने पर स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नंबर 0522-2622080 और खुले में सुअर दिखने पर नगर निगम के कंट्रोल रूम नंबर 9151055671, 9151055672, 9151055673 पर तत्काल सूचना दें। इसके साथ ही शहरी सीमा में सुअर, गधा, घोड़ा, भैंस जैसे प्रदूषण फैलाने वाले पशुओं को पालने की अनुमति नहीं है और इस प्रकार की अनुमति नगर निगम नहीं देता।
डीएम द्वारा दिए गए आदेश हो गए लागू
- वायरस के संक्रमण से प्रभावित इलाकों में नगर निगम व अन्य स्थानीय निकाय सघन सफाई अभियान चलाएंगे। साथ ही विसंक्रमण पर भी काम होगा।
- सुअरों के उपचार और बीमारी के लिए जागरूकता कार्यक्रम पशुपालन विभाग करेगा। नगरीय और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में यह कवायद होगी। नगर निगम भी इसमें सहयोग करेगा।
- प्रभावित क्षेत्र में सुअरों के विचरण और आवागमन पर पूरी तरह रोक रहेगी। किसी भी सुअर बाजार का आयोजन भी प्रतिबंधित रहेगा।
- सुअर के मांस की बिक्री प्रतिबंधित और सुअर से निर्मित उत्पादों की बिक्री भी प्रतिबंध में शामिल है।
- नगर निकायों की यह जिम्मेदारी होगी कि सुअर खुले में विचरण न करें। बाड़े से बाहर सुअर मिलने पर पालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। संक्रमित होने पर पशुपालन विभाग की मदद से इलाज कराएं।
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