इलाहाबाद हाईकोर्ट का मातृत्व अवकाश पर बड़ा फैसला, कहा- अधिनियम में दो साल के गैप की नहीं है रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मातृत्व अवकाश को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि मातृत्व लाभ अधिनियम में ऐसी कोई रोक नहीं है कि दो मातृत्व अवकाश में दो साल का गैप हो। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किसी महिला कर्मचारी को दो साल की अवधि के भीतर दो मातृत्व अवकाश का लाभ न देना अवैधानिक है। 

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के जिले प्रयागराज में स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान करता है। इसी क्रम में एक बार फिर कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस फैसले में कहा है कि किसी भी महिला कर्मचारी को दो साल की अवधि के अंदर दो मातृत्व अवकाश का लाभ देना अवैधानिक है। हाईकोर्ट ने कहा कि मातृत्व लाभ अधिनियम में इस प्रकार का कोई रोक नहीं है कि दो साल के बाद ही मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाएगा। यह लाभ दो साल के अंदर भी दिया जा सकता है।

कोर्ट ने बीएसए का आदेश किया रद्द
हाईकोर्ट के इस आदेश के साथ कोर्ट ने फिरोजाबाद बेसिक शिक्षा अधिकारी के दो साल के अंदर मातृत्व अवकाश देने से इंकार करते हुए आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता को दूसरे मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाए। इतना ही नहीं इसके साथ ही मातृत्व अवकाश की अवधि में वेतन सहित अन्य लाभ भी प्रदान किए जाए। मातृत्व अवकाश का आदेश जस्टिस सिद्धार्थ की सिंगल बेंच ने फिरोजाबाद के उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला बालू में तैनात सहायक अध्यापिका सुनीता यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

Latest Videos

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दी चुनौती 
साल 2020 में याचिकाकर्ता सुनीता यादव ने 180 दिनों का वैतनिक मातृत्व अवकाश लिया था। जिसके बाद याची ने दूसरे मातृत्व अवकाश के लिए साल 2022 मई में बीएसए फिरोजाबाद को आवेदन किया था। बीएसए ने याची के आवेदन को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि दो मातृत्व अवकाश के बीच दो साल का अंतराल जरूरी है। इसी के बाद सुनीता यादव ने बीएसए के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर कोर्ट ने फिरोजाबाद बीएसए के आदेश को रद्द करते हुए याचिकाकर्ता को 180 दिनों का वैतिनक मातृत्व अवकाश देने का आदेश दिया है। यानी की ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि दो मातृत्व अवकाश के बीच दो साल का गैप जरूरी हो।

नोएडा: पीड़ित अखलाक की बेटी की अदालत में टली गवाही, गोकशी के आरोप में पीट-पीटकर हुई थी हत्या

दहेज उत्पीड़न के मामलों पर इलाहाबाद HC का अहम फैसला, 'FIR दर्ज होने के बाद 2 माह तक नहीं होगी कोई गिरफ्तारी'

Share this article
click me!

Latest Videos

Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
कड़ाके की ठंड के बीच शिमला में बर्फबारी, झूमने को मजबूर हो गए सैलानी #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts