Inside Story: प्रियंका गांधी का प्रचार भी नहीं कर पाया कमाल, खुशी दुबे की बहन को मिले सिर्फ 2279 वोट

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के बाद बीजेपी सरकार बनाने की तैयारियों में जुटी है। यूपी चुनाव के परिणामों ने कई राजनीतिक पार्टियों के समीकरणों को बिगाड़ दिया है। इसके साथ ही कई पार्टियां अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लड़की हूं लड़ सकती स्लोगन के सहारे यूपी फतेह करने की रणनीति बनाई थी।
 

सुमित शर्मा
कानपुर:
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के बाद बीजेपी सरकार बनाने की तैयारियों में जुटी है। यूपी चुनाव के परिणामों ने कई राजनीतिक पार्टियों के समीकरणों को बिगाड़ दिया है। इसके साथ ही कई पार्टियां अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लड़की हूं लड़ सकती स्लोगन के सहारे यूपी फतेह करने की रणनीति बनाई थी। यूपी के साथ ही कानपुर में भी प्रियंका गांधी का प्रचार कुछ भी कमाल नहीं कर सका। कल्यानपुर सीट से खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी को उतारा था। नेहा तिवारी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं, उन्हे महज 2279 वोट ही वोट मिले।

बिकरू कांड में आरोपी खुशी दुबे के परिवार ने कांग्रेस पार्टी का दामन थामा था। परिवार को भरोसा था कि नेता तिवारी की जीत, छोटी बहन खुशी दुबे को न्याय दिलाएगी। कांग्रेस पार्टी ने भी परिवार को भरोसा दिलाया था। खुशी दुबे को न्याय दिलाएंगे। लेकिन नेहा की हार से परिवार का मनोबल टूट गया है। कानपुर में प्रियंका गांधी ने अपने रोड शो में नेहा तिवारी को साथ रखा था। उन्होने नेहा तिवारी को चुनाव लड़वाने के लिए संगठन को लगाया था।

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चौथे नंबर रहीं नेहा तिवारी
कानपुर की कल्यापुर विधानसभा सीट से बीजेपी की नीलिमा कटियार ने जीत दर्ज की है। विधानसभा चुनाव 2017 में भी नीलिमा कटियार विधायक बनी थीं। नीलिमा कटियार को प्रदेश सरकार में मंत्री भी बनाया गया था। विधानसभा चुनाव में 2022 में नीलिमा कटियार की लड़ाई एसपी के सतीश निगम से थी। नीलिमा कटियार को 98,197 वोट मिले थे, वहीं एसपी के सतीश निगम को 76,169 वोट मिले थे। बीएसपी के अरूण मिश्रा को 6482 वोट मिले थे। नेहा तिवारी चौथे नंबर रही, और उन्हे 2279 वोट हासिल मिले हैं।

खुशी कैसे पहुंची जेल
खुशी दुबे की शादी बीते 29 जून 2020 को अमर दुबे से हुई थी। शादी के महज तीन दिनों बाद 2 जुलाई 2020 की रात कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर पर पुलिस टीम दबिश देने के लिए पहुंची थी। इसी दौरान विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू कांड को अंजाम देने के बाद अमर दुबे फरार हो गया था। बीते 8 जुलाई को हमीरपुर के मौदाहा में एसटीएफ ने अमर दुबे को मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने खुशी को बिकरू कांड में आरोपी बनाया था। पुलिस ने खुशी दुबे पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा था।

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