
देवरिया(Uttar Pradesh ). उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने वहां के स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी है। एक बीमार आदमी को डॉक्टर के पास भेजने के लिए एम्बुलेंस बुलाई गई। लेकिन एम्बुलेंस चालक से किसी ने अफवाह बताई की वह कोरोना पेशेंट है तो एम्बुलेंस चालक वहां से भाग निकला। बाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम उसके घर भेजी गई। जहां जांच के बाद वह कोरोना डॉक्टरों ने उसका टेस्ट किया और वह कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया।
यूपी के देवरिया जिले के भागलपुर ब्लॉक के नरियाव गांव का एक व्यक्ति नेपाल में मजदूरी करता है। होली पर वह अपने घर आया था। घर आने के एक हफ्ते बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे खासी, सर्दी हो गई थी। पड़ोसियों ने बृहस्पतिवार को उसके लक्षण को देखकर कोरोना वायरस होने का शोर मचा दिया। इसको लेकर गांव वालों में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने 112 नंबर पुलिस को फोन कर इसकी जानकारी दी। सिपाही रमेश चंद्र प्रसाद ने उसके घर पहुंचकर 108 नंबर पर फोनकर एंबुलेंस को बुलाया।
कोरोना का नाम सुनकर भाग खड़ा हुआ एम्बुलेंस चालक
पुलिस के फोन करने के कुछ देर बाद दरवाजे पर एंबुलेंस लेकर चालक पहुंच गया। दरवाजे पर मौजूद लोगों ने बताया कि यह कोरोना वायरस चपेट में आ गया है। इसे सुनते ही एम्बुलेंस चालक डर गया और बिना मरीज के ही वहां से भाग निकला। कोरोना के खौफ से पुलिस भी उसे अस्पताल पहुंचाने से कतराती रही।
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