पूर्वजों ने लिया था पानी का कनेक्शन, 68 साल बाद नगर पालिका पौत्रों से इस तरह से कर रही वसूली, जानें पूरा मामला

यूपी के जिले मिर्जापुर में पानी के बकायदारों की खोज नगर पालिका की तरफ से चल रही है। 68 वर्ष पुराने वाटर टैक्स की तलाश के लिए पुरानी फाइलों को खंगाला जा रहा है। फिलहाल 400 से अधिक लोगों को नगर पालिका के द्वारा नोटिस भेजा जा चुका है।

मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के जिले मिर्जापुर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां की नगर पालिका परिषद के द्वारा किया जा रहा काम काफी आश्चर्यजनक करने वाला है क्योंकि पालिका पूर्वजों के पिए गए पानी की वसूली के लिए नोटिस जारी कर रही है। शहर में पहला कनेक्शन सितंबर 1954 में विंध्याचल के पूरब मोहाल में लगाया गया था। नगर पालिका अब साल 1954 से ही बचा जल कर मांग कर अपनी आय बढ़ाने के लिए वसूली में लगी है। उसका ऐसा मानना है कि घर से सामने से पाइप लाइन जानें पर जल कर और पानी का प्रयोग करने पर जल मूल्य देने का प्राविधान पुराना है। पर शहर में हालत इतने बुरे है कि यहां दादा-परदादा के पिए गए पानी का मूल्य पौत्रों से वसूला जा रहा है।

मृतक लोगों की चल अचल संपत्ति से हो रही वसूली
शहर में साल 1920 में नगर पालिका बनी और 1954 से जल की आपूर्ति आरम्भ की गई थी पर अब 68 सालों से पानी पीकर जिंदा रहने या दुनिया छोड़ चुके लोगों की तलाश की जा रही है। इतना ही नहीं मृतक हो चुके लोगों की अचल संपत्ति पर अपना नाम दर्ज कराने वालों से बकाया की वसूली की जा रही है। इसके लिए करीब 200 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। शहर जैसी सुविधाओं के नाम पर भले ही लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ा हों पर जल कर के साथ ही जल मूल्य की वसूली करने के लिए रोजाना मोहल्लों में जाकर सर्वे किया जा रहा हैं। 

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भुगतान के बाद 70 लाख की आमदनी बढ़ेगी
शहर में लोगों को जल कर के बारे में तो पता हैं लेकिन जल मूल्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर लोग जल मूल्य का भुगतान करने लगें तो पालिका की करीब 60 से 70 लाख की आमदनी बढ़ जाएगी। विभाग के द्वारा की जा रही ऐसी वसूली पर आश्चर्य जता रहे है। इस पूरे प्रकरण को लेकर अधिकारियों का कहना है कि साल 1954 से जल मूल्य की शुरुआत हुई। उस दौरान जो पानी कनेक्शन लिया था उनके पूर्वज उनका सर्च नहीं हो पा रहा है। ग्राउंड में जाकर सर्वे तो कर रहे हैं। 

विभाग 300 से अधिक लोगों को दे चुका नोटिस
फील्ड में जाकर विभाग के कर्मचारी सर्वे तो कर रहे हैं, अब से 300 से 400 मिल चुके उनको नोटिस दिया गया है जो वर्तमान में नहीं उपलब्ध हैं। अब ऐसी वजहों से जो वर्तमान में संपत्ति का रख रहा है उससे वसूली हो रही है। संपत्ति में जिस का हक है और जो कनेक्शन बचा है या फिर जो भी उसमें रह रहा है वह देगा। साल 1954 में जल मूल्य की यहां शुरुआत हुई थी। नगर पालिका ने कनेक्शन का विज्ञापन भी निकालना हैं। इसके साथ ही सर्वे भी कर रहे हैं। लोगों ने विभाग के द्वारा किए जा रहे वसूली पर आश्चर्य जताया है।

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