लखीमपुरखीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र की सुप्रीम कोर्ट से जमानत आदेश रद्द होने के बाद एक सप्ताह की मोहलत मिली थी। जो 25 अप्रैल को समाप्त हो रही है। आशीष मिश्र मोनू के अधिवक्ताओं ने बताया कि 25 अप्रैल को सिविल कोर्ट में उपस्थित होकर आत्मसमर्पण करेगा।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुरखीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र की सुप्रीम कोर्ट से जमानत आदेश रद्द होने के बाद आशीष मिश्र अब 25 अप्रैल को जिला अदालत में आत्म समर्पण करेगा। सुप्रीम कोर्ट से जमानत आदेश रद्द होने के बाद आशीष मिश्र मोनू को एक सप्ताह की मोहलत मिली थी, जो 25 अप्रैल सोमवार को खत्म हो जाएगी।
22 अप्रैल की शाम तक नहीं हुआ हाजिर
आशीष मिश्र को मिली मोहलत 25 अप्रैल सोमवार को समाप्त हो रही है। इसी के चलते कयास लगाए जा रहे थे कि 22 अप्रैल को समय पूर्व ही आशीष मिश्र कोर्ट में सरेंडर कर सकता है। लेकिन 22 अप्रैल यानी शुक्रवार की शाम तक भी आशीष मिश्र मोनू हाजिर नहीं हुआ।
सिविल कोर्ट में आरोपी आशीष करेगा आत्मसमर्पण
22 अप्रैल की शाम तक हाजिर होने के बाद आशीष मिश्र मोनू के अधिवक्ताओं ने बताया कि 25 अप्रैल को सिविल कोर्ट में उपस्थित होकर आत्मसमर्पण करेगा। उसके पश्चात 26 अप्रैल को जिला अदालत में आशीष मिश्र पर आरोप तय करने को लेकर सुनवाई है।
डिस्चार्ज एप्लीकेशन पर बढ़ी दिक्कत
तिकुनिया हिंसा मामले में डिस्चार्ज एप्लीकेशन को लेकर भी तमाम दिक्कतें आ रही है। सह आरोपी सत्यम त्रिपाठी, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ काले, अंकित दास सहित पांच आरोपियों की ओर से डिस्चार्ज एप्लीकेशन की तैयारी में जुटे वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह गौड़ ने कई सारी चीजें बताई। उन्होंने बताया कि 164 के अधीन दर्ज किए गए बयानों की नकल आवेदित किए हुए दस दिन से ज्यादा समय हो चुका है। लेकिन अभी तक स्टाफ की कमी के चलते नकल नहीं बनवाई जा सकी हैं। जिसकी वजह से दस दिनों के अंदर डिस्चार्ज एप्लीकेशन को फाइनल टच दे पाना संभव नहीं हो पा रहा है। लेकिन उनके स्तर से हर प्रकार की तैयारी जारी है।
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