Inside Story: यूपी चुनाव में हर हाल में जीत की इच्छुक BJP ने काटा नौ विधायकों का पत्ता,नए चेहरों पर लगाया दांव

हम बात करें अगर साल 2017 विधान सभा चुनाव की तो इस इलेक्शन में भाजपा ने गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महाराजगंज की कुल 28 सीटों में से 23 पर कब्जा जमाया था। वहीं इस 2022 इलेक्शन में योगी खुद गोरखपुर की विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। सीएम योगी को गोरखपुर की सदर सीट से उतारकर कहीं ना कहीं भाजपा गोरखपुर मंडल समेत पूर्वांचल की सीटों में वृद्धि करना चाह रही है। वहीं योगी के लिए गोरखपुर मंडल की 23 सीटें जहां पर भाजपा का कब्जा है उसे बचाना भी एक बड़ी चुनौती है। 

अनुराग पाण्डेय
गोरखपुर:
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में रेकॉर्ड वोटों से चार बार विजेता हो रहे विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल का टिकट कटने के बाद 8 और विधायकों को भाजपा ने रेस्ट दे दिया। अब तक गोरखपुर समेत कुशीनगर, देवरिया मिलाकर कुल 9 सीटों पर भाजपा ने जीते कैंडिडेट को हटाकर नए चेहरे पर दांव लगाया है। गोरखपुर मंडल में धड़ाधड़ टिकट काटकर भाजपा ने ये संकेत दिया है कि वो किसी भी हाल में जीत चाहती है। 

हम बात करें अगर साल 2017 विधान सभा चुनाव की तो इस इलेक्शन में भाजपा ने गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महाराजगंज की कुल 28 सीटों में से 23 पर कब्जा जमाया था। वहीं इस 2022 इलेक्शन में योगी खुद गोरखपुर की विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। सीएम योगी को गोरखपुर की सदर सीट से उतारकर कहीं ना कहीं भाजपा गोरखपुर मंडल समेत पूर्वांचल की सीटों में वृद्धि करना चाह रही है। वहीं योगी के लिए गोरखपुर मंडल की 23 सीटें जहां पर भाजपा का कब्जा है उसे बचाना भी एक बड़ी चुनौती है। 

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खजनी से कटा तीन बार के विधायक का टिकट
खजनी विधानसभा में तीन चुनाव में जीत हासिल करने वाले संत प्रसाद का टिकट काटकर भाजपा ने श्रीराम चौहान को उतारा है। संत प्रसाद टिकट कटने के बाद आश्चर्य में पड़ गए कि आखिर उनका टिकट क्यों काटा गया। उन्होंने यहां तक कहा कि वो एक बार शीर्ष नेताओं से इस बारें बात करेंगे। वहीं खजनी से नए चेहरे के रूप में उतरे श्रीराम चौहान वाजपेयी सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। वर्तमान में श्रीराम चौहान संतकबीर नगर जिले की घनघटा सुरक्षित सीट से विधायक हैं। सूत्रों की मानें तो खजनी से तीन बार विधायक रहे संत प्रसाद का टिकट काटकर दूसरे जिले के विधायक को यहां से लड़ाने की बात किसी के पल्ले नहीं पड़ रही है।

सहजनवा विधायक का कटा टिकट
सहजनवा से सीएम के करीबी माने जाने वाले विधायक शीतल पाण्डेय पर इस बार भाजपा ने भरोसा ना जताकर नए चेहरे के रूप में प्रदीप शुक्ला को चुनाव मैदान में उतारा है। एक ब्राह्मण चेहरे को हटाकर दूसरे ब्राह्मण को टिकट दिया है। सूत्रों की माने तो सहजनवा विधायक का पार्टी को जो फीडबैक मिला था, उसके हिसाब से वे चुनाव हार रहे थे। इसलिए भाजपा ने वहां दूसरा कैंडिडेट उतारा है। ताकी चुनाव में हार का सामना ना करना पड़े।

सत्यप्रकाश मणि को हटाकर शलभ मणि पर दांव
देवरिया के भाजपा के विधायक डॉक्टर सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी का टिकट काटकर भाजपा ने शलभ मणि त्रिपाठी पर दांव लगाया है। शलभ मणि सीएम के सूचना सलाहाकार व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हैं। देवरिया की जमीन से पहली चुनाव लड़ने जा रहे शलभ मणि त्रिपाठी इस क्षेत्र में पहले से ही तैयारी कर रहे थे। राजधानी से बार—बार देवरिया जाकर लोगों से मिलना इस बात का संकेत पहले ही मिल गया था कि इस बार चुनाव मैदान में वो आएंगे। वहीं डॉक्टर सत्य प्रकाश त्रिपाठी का टिकट कटने के बाद भाजपा कार्यकर्ता नए चेहरे शलभ मणि के साथ लग गए हैं। 

बरहज से कटा सुरेश का टिकट
देवरिया जिले की बरहज सीट से विधायक सुरेश तिवारी का टिकट काटकर इस बार भाजपा ने पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद मिश्र के बेटे दीपक मिश्र शाका पर दावं लगाया है। 49 वर्षीय दीपक मिश्र को टिकट देकर भाजपा जातीय समीकरण साधने का प्रयास किया है। दीपक के पिता दुर्गा प्रसाद मिश्र 1980 में पहली बार सलेमपुर और दूसरी बार 1991 में बरहज से विधायक चुने गए थे। साल 2002 में निर्दलीय भी विधायक रह चुके हैं। बाद में दुर्गा प्रसाद सपा में भी चले गए थे। 

भाजपा विधायक का टिकट काटकर हिंदू युवा वाहिनी को दिया
रामपुर कारखान विधानसभा से विधायक कमलेश शुक्ला का टिकट काटकर इस बार पूर्व जिला पंचायत व हिंदू युवा वाहिनी के नेता सुरेंद्र चौरसिया को टिकट देकर पिछड़ी जाति को साधने की कोशिश की गई है। हिंदू युवा वाहिनी के खाते में टिकट जाने से भाजपा विधायक के होश उड़ गए। लेकिन अभी तक विरोध के स्वर नहीं सुनाई दिया है।

कुशीनगर से रजनीकांत की जगह पीएन पाठक पर दांव
कुशीनगर में विधायक रजनीकांत त्रिपाठी का टिकट काटकर इस बार भाजपा ने पीएन पाठक पर दांव लगाया है। बताया जा रहा है कि पीएन पाठक भाजयुमो के राष्ट्रीय प्रवक्ता व प्रांतीय कार्यसमिति के सदस्य रह चुके हैं। वर्तमान में गोरखपुर के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हैं। यहां भी नया चेहरा उतारकर भाजपा जीत की राह आसान करना चाह रही है। 

पवन केडिया नहीं इस बार मोहन वर्मा को टिकट
हाटा के विधायक पवन केडिया का टिकट काटकर इस बार भाजपा ने स्वयंसेवक मोहन वर्मा पर दांव लगाया है। रामजन्म भूमि आंदोलन के दौरान ये जेल भी गए थे। वर्तमान में हाटा नगर पालिका के चेयरमैन व भाजपाा के जिला कार्यसमीति के सदस्य हैं। यहां नए चेहरे पर दांव लगाने के पीछे कहीं ना कहीं विधायक का निष्क्रिय होना भी दर्शा रहा है।  

पिता का टिकट काटकर बेटे को दे दिया
भाजपा ने फाजिलनगर सीट से विधायक गंगा सिंह कुशवाहा का टिकट काटकर उनके बेटे सुरेन्द्र कुशवाहा को उतारा है। कुशवाहा समाज में गंगा सिंह की अच्छी पकड़ की वजह से उनके बेटे को ये टिकट दिया गया है। बेटे सुरेन्द्र कुशवाहा करीब 20 साल से भाजपा से जुड़े हैं। विधायक गंगा सिंह के टिकट कटने के पीछे ऐज फैक्टर बताया जा रहा है।

Inside Story: यूपी चुनाव में बीजेपी ने काटा दो और विधायकों का पत्ता, अभी योगी के गढ़ में सस्पेंस है बरकरार

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