देश में स्वच्छ भारत की शुरुआत करने वाला अस्सी क्षेत्र और घाटों की साफ़-सफ़ाई, चार लाख क्षमता का डेयरी प्लांट, रुद्राक्ष कनवेंशन सेंटर, क्षेत्रीय नेत्र संस्थान, बीएचयू में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, ट्रामा सेंटर, कैंसर अस्पताल होने से पूर्वांचल और अन्य प्रदेश के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। सड़कों का चौड़ीकरण हुआ है। बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधा मजबूत हुई है।
अनुज तिवारी
वाराणसी: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की कैंट विधानसभा भाजपा का गढ़ है। कैंट विधानसभा पर तीन दशक से कमल खिल रहा है। 1991 से ये सीट बीजेपी के टिकट से एक ही परिवार के पास है। 30 सालों से मां-पिता और अब बेटा विधायक हैं। बीजेपी के लिए ये सीट अजेय मानी जाती है। कैंट विधानसभा मिश्रित आबादी वाला क्षेत्र माना जाता है। 2014 से क्षेत्र में विकास की बयार तेजी से बही है। 2017 विधानसभा में कांग्रेस और सपा गठबंधन दूसरे और बसपा तीसरे नंबर पर रही है।
सीट का समीकरण
कैंट विधानसभा क्षेत्र के मतदाता 1991 से 2017 तक लगातार एक परिवार के उम्मीदवार को जिताते रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सौरभ श्रीवास्तव ने कांग्रेस व सपा के गठबंधन प्रत्याशी अनिल श्रीवास्तव को 61,326 वोटों से हराकर जीत दर्ज़ की थी। कांग्रेस सपा गठबंधन प्रत्याशी अनिल श्रीवास्तव को 71,283 वोट मिले थे,जबकि तीसरे नंबर पर बीएसपी के रिजवान अहमद को 14,118 वोट मिले थे।
विधानसभा का प्रमुख विकास
कैंट विधानसभा अधिकांश क्षेत्र शहरी है। विधानसभा में गंगा घाट का करीब आधा एरिया, बीएचयू और शहर के प्रमुख क्षेत्र आते हैं। 2014 में नरेंद्र मोदी के वाराणसी से सांसद और पीएम बनने के बाद विकास के अनेकों कामों की शुरुआत इस विधानसभा में हुई। 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो विकास के कामों की अड़चने दूर हुईं और रफ्तार तेज हुई। पूर्व की सरकारों में सालों से लंका सामने घाट से गंगा पार जाने वाले पुल का लटका हुआ काम पूरा हुआ। जिससे रोज़ आने जाने वालों की राह आसान हुई है।
देश में स्वच्छ भारत की शुरुआत करने वाला अस्सी क्षेत्र और घाटों की साफ़-सफ़ाई, चार लाख क्षमता का डेयरी प्लांट, रुद्राक्ष कनवेंशन सेंटर, क्षेत्रीय नेत्र संस्थान, बीएचयू में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, ट्रामा सेंटर, कैंसर अस्पताल होने से पूर्वांचल और अन्य प्रदेश के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। सड़कों का चौड़ीकरण हुआ है। बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधा मजबूत हुई है। नगरीय जल सम्पूर्ति योजना जैसी कई योजनाओं ने लोगों का जीवन सुगम व सरल किया है।
जाति समीकरण
कैंट विधानसभा क्षेत्र में करीब 436897 मतदाता हैं, जिसमें हिंदू मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। कायस्थ मतदाता अधिक होने की वजह से बीजेपी के साथ ही कांग्रेस ने भी लगातार दो बार से कायस्थ उम्मीदवारों पर दांव लगाया था। हालांकि इस बार किसी भी मुख्य पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
UP Election Info: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 403 विधानसभा सीट के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। कुल 7 चरणों में होगा यूपी में चुनाव। मतगणना 10 मार्च को होगी।