आज़ादी से पहले अंग्रेज हिंदुस्तानी फौज को काले लोगो की फौज कहते थे। उसी वजह से हिंदुस्तान की फौज का नाम काली पलटन पड़ गया था। काली पलटन इसी मंदिर में भगवान भोलेनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की आराधना करते थे और रणनीति बनाते थे। भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद ने कालिपल्टन को इतनी शक्ति दी थी कि अंग्रेजों के दांत खटे हो गए थे।
अनमोल शर्मा
मेरठ: 1857 की क्रांति की शुरुआत मेरठ से ही शुरू हुई थी। अंग्रेजों के खिलाफ मेरठ की ही कालिपल्टन ने बिगुल बजाया था। कालिपल्टन ने इस क्रांति की शुरुआत मेरठ के औघड़नाथ मंदिर से की थी। औघड़नाथ मंदिर से ही कालिपल्टन सारी रणनीति बनाते थे। औघड़नाथ मंदिर की आज के समय पर काफी मान्यता है और ऐसा कहा जाता है कि यहां मांगी गई हर मनोकामना को बाबा औघड़दानी पूरी करते हैं। इस मंदिर की मान्यता का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि जैसे ही विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की घोषणा हुई वैसे ही बाबा औघड़दानी को मानने वाले नेता यहां आकर मत्था टेका और जीत की मनोकामना मांगी।
क्या है कालिपल्टन
आज़ादी से पहले अंग्रेज हिंदुस्तानी फौज को काले लोगो की फौज कहते थे। उसी वजह से हिंदुस्तान की फौज का नाम काली पलटन पड़ गया था। काली पलटन इसी मंदिर में भगवान भोलेनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की आराधना करते थे और रणनीति बनाते थे। भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद ने कालिपल्टन को इतनी शक्ति दी थी कि अंग्रेजों के दांत खटे हो गए थे।
कौन कौन गया आशीर्वाद लेने
2022 विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार घोषित होते ही भाजपा के कैंट उम्मीदवार अमित अग्रवाल, मेरठ दक्षिण से उम्मीदवार सोमेन्द्र तोमर और कांग्रेस की अर्चना गौतम बाबा औघड़नाथ मंदिर जा कर बाबा भोलेनाथ के मत्था टेका और जीत का आशीर्वाद लिया। इससे पहले लोकसभा चुनाव को जीतने के बाद मेरठ के तीसरी बार मेरठ हापुड़ से सांसद बने राजेंद्र अग्रवाल ने भी भगवान बोलेनाथ का आशीर्वाद लिया था और धन्यवाद किया था।
नंदी बैल से कान में बोलकर मांगते है मनोकामना
भगवान शिव के प्रिय और सवारी कहे जाने वाले नंदी बैल के कानों में बोलकर मनोकामना मांगते हैं। ऐसी परंपरा है कि भगवान नंदी के कानों में बोलकर मांगी गई मनोकामना पूरी होती है। अभी हाली में भाजपा प्रत्याशी सोमेंद्र तोमर और कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना गौतम ने भी नंदी बैल के कानों में अपनी मनोकामना मांगी जिसकी चर्चे सोशल मीडिया में चल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने भी किये थे दर्शन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 जनवरी को मेरठ में खेल विश्विद्यालय का शिलान्यास किया था। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैंट विधानसभा स्थित भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए थे और विधिवत पूजन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी भगवान का आशीर्वाद लिया था। मंदिर आने से पहले मंदिर के आसपास के लोगो ने जोरदार स्वागत किया था जिसकी काफी चर्चा हुई थी।