
प्रयागराज: यूपी के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को जमानत के लेकर संशय बना था, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। वक्फ बोर्ड की संपत्ति गलत तरीके से अपनी यूनिवर्सिटी को ट्रांसफर कराने के मामले में कोर्ट ने आजम खान को जमानत दी है। यह फैसला जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने सुनाया है। हालांकि जमानत मिलने के बावजूद आजम खान जेल से रिहा नहीं हो सकेंगे।
आजम पर दर्ज हुआ है नया मुकदमा
कोर्ट ने आजम को पुराने मामले में रियायत दी है, लेकिन 3 दिन पहले एक नया मुकदमा दर्ज होने की वजह से आजम खान जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे 3 स्कूलों की मान्यता कराने के मामले में आजम खान के खिलाफ 3 दिन पहले रामपुर में केस दर्ज किया गया था। इस मुकदमे के वारंट को सीतापुर जेल में शामिल भी कराया जा चुका है। जिसकी सुनवाई 19 मई होगी। तब तक शायद आजम को जेल में सलाखों के पीछे ही रहना पड़ेगा।
मामले में लगातार चल रही थी सुनवाई
इस मामले को लेकर लगातार सुनवाई चल रही थी। जिस पर मंगलवार को फैसला सुनाए जाने के आसार हैं। हाईकोर्ट के जज राहुल चतुर्वेदी की बेंच इस मामले में फैसला लेगी। हालांकि इसके बाद भी आजम की मुश्किलें कम हो जाएंगी इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि आजम पर तीन दिन पहले ही एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। जिसके बाद अगर उन्हें इस मामले में जमानत मिल भी जाती है तो आगे वह बाहर आएंगे या नहीं इसको लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।
कई मुकदमों में मिल चुकी है जमानत
अभी तक आजम खान के खिलाफ 88 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसमें 86 मुकदमों में उन्हें जमानत मिल चुकी है। 87वें मुकदमे को लेकर सुनवाई होनी है। ज्ञात हो कि बीते दिनों आजम खान के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से तल्ख टिप्पणी सामने आई थी।
हाईकोर्ट में होगी आजम खान की जमानत अर्जी पर सुनवाई, जेल से बाहर आने के है आसार
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