
रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। एससी-एसटी एक्ट के मामले में आपत्ति खारिज होने के बाद रामपुर की अदालत ने उनकी आवाज की जांच को लेकर आदेश दिया है। उनकी आवाज की जांच विधि विज्ञान प्रयोगशाला में कराने के लिए आदेश दिया गया है।
आजम के अधिवक्ता ने आवाज जांच की मांग पर लगाई थी आपत्ति
गौरतलब है कि आजम खां के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट का मामला वर्ष 2007 में टांडा थाने में दर्ज किया गया था। उस दौरान विधानसभा चुनाव चल रहे थे। आजम खां ने टांडा क्षेत्र में जनसभा भी की थी। इसी बीच उनपर जातिसूचक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। 15 साल पुराने इस मामले में सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रही है। आपको बता दें कि आजम खां के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने वाले बसपा नेता धीरज शील की भी मौत हो चुकी है। अभियोजन की ओर से अन्य गवाह और साक्ष्य भी पेश किए गए हैं। इसमें भाषण की रिकॉर्डिंग को भी अदालत में सुनाया जा चुका है। अभियोजन के द्वारा पिछले माह ही आजम खां की आवाज का सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला में रिकॉर्डिंग से मिलान कराने की मांग की गई थी। हालांकि उस पर आजम खां के अधिवक्ता द्वारा आपत्ति लगाई गई थी।
अदालत ने पुलिस को दिए आदेश
अदालत की ओर से दोनों पक्षों की बहस के बाद आपत्ति को खारिज कर दिया गया और बुधवार को इस मामले में फिर से सुनवाई हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमित कुमार सक्सेना ने जानकारी दी कि अदालत ने पुलिस को आदेश दिए हैं कि लखनऊ विधि विज्ञान प्रयोगशाला में आजम की आवाज की जांच करवाई जाए। ज्ञात हो कि इन दिनों आजम खां की मुश्किले लगातार बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। ऐसे में अदालत में उनके वकील द्वारा की गई मांग का खारिज होना और जांच के लिए आदेश दिया जाना भी बड़ा झटका बताया जा रहा है।
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