बाबरी विध्वंस मामले का फैसला जल्द आने की उम्मीद, लालकृष्ण आडवाणी,कल्याण सिंह समेत 33 आरोपियों की होगी गवाही


6 दिसंबर 1992 को राम जन्मभूमि थाने के थानाध्यक्ष प्रियंवदा नाथ शुक्ला और राम जन्मभूमि पुलिस चौकी प्रभारी गंगा प्रसाद तिवारी ने सैकड़ों कारसेवकों के खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

Ankur Shukla | Published : Mar 7, 2020 4:30 AM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh)। सीबीआई की विशेष अदालत में अयोध्या बाबरी विध्वंस मामले में सीआरपीसी 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज करने की प्रकिया एक दिन पहले से शुरु हो चुकी है। सीबीआई ने अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 294वें गवाह एम. नारायणन की गवाही पूरी की गई। बता दें कि पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, साध्वी ऋतम्भरा समेत 33 लोग इस मामले में आरोपी है। इन आरोपियों के बयान शुरू होने के साथ ये मामला अपने फैसले की तरफ तेजी से बढ़ जाएगा।

ये है मामला
6 दिसंबर 1992 को राम जन्मभूमि थाने के थानाध्यक्ष प्रियंवदा नाथ शुक्ला और राम जन्मभूमि पुलिस चौकी प्रभारी गंगा प्रसाद तिवारी ने सैकड़ों कारसेवकों के खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

उच्चतम न्यायालय ने दिया है ये आदेश
उच्चतम न्यायालय ने 19 अप्रैल 2017 से निचली अदालत को दो साल में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने 19 जुलाई 2019 को फिर निर्देश दिया कि इस मामले में नौ महीने में फैसला सुना दिया जाए। सीबीआई ने बाबरी मस्जिद को ढहाने के मामले की जांच अपने हाथ में ली थी, जिसमें नफरत भरे भाषण देने को लेकर लाल कृष्ण आडवाणी, अशोक सिंघल, विनय कटियार, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, मुरली मनोहर जोशी, गिरिराज किशोर और विष्णु हरि डालमिया के खिलाफ मामला दर्ज है।

48 एफआईआर हुई थी दर्ज, 33 ही हैं जिंदा
मीडिया और अन्य लोगों की तरफ से इस मामले में करीब 48 एफआईआर दर्ज हुई थी। मामले की जांच पहले स्थानीय पुलिस फिर सीबीसीआईडी और उसके बाद सीबीआई ने की। 31 मई 2017 को सीबीआई ने इस मामले में 49 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इन 49 आरोपियों में से फिलहाल 33 आरोपी ही जिंदा है, जबकि अशोक सिंघल, बालासाहेब ठाकरे ,महंत अवैद्यनाथ समेत 16 आरोपियों की मौत हो चुकी है।

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