यूपी चुनाव : जनसभा में बोली मायावती- SP ने फाड़ दिया था बिल, BJP सरकार में भी हुआ दलितों के साथ भेदभाव

बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी चुनाव को लेकर जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। सभी दलों को आड़े हाथों लेने के साथ ही उन्हें दलित विरोधी भी बताया। 

लखनऊ: मायावती ने बुधवार को आगरा में यूपी चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस, बीजेपी और समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि बसपा का टारगेट यूपी चुनाव में अपने दम पर सरकार बनाना है। लोग बसपा के अलावा किसी भी अन्य दल को वोट न दें। 

आपको बता दें कि यूपी चुनाव के लिए बसपा की यह पहली रैली थी। रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि मीडिया के लोग अक्सर पूंछते हैं बहनजी कहां हैं? उनको बताना चाहती हूं कि बहनजी अपनी पार्टी को मजबूत करने में बिजी थी। बहुजन समाज पार्टी बोलने में कम और करने में ज्यादा विश्वास रखती है। इस दौरान ओपिनियन पोल्स को लेकर भी मायावती ने नाराजगी दिखाते हुए उन्हें गलत करार दिया। मायावती ने कहा कि बसपा नंबर 1 पार्टी बनेगी। 

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मायावती ने कहा कि यह चुनाव बसपा अकेले लड़ने जा रही है जिससे 2007 के चुनाव की तरह ही पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई जा सके। इसके बाद ही बीजेपी की जाति आधारित राजनीति, तानाशाही से छुटकारा मिल सकता है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस भी इसलिए ही सत्ता से बाहर हुई थी क्योकि वह भी जाति की राजनीति करती थी। मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन काल में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न तक से सम्मानित नहीं किया था। यही नहीं बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के निधन पर कांग्रेस ने राष्ट्रीय शोक तक की घोषणा नहीं की। लेकिन वह दलितों और अन्य अनुसूचित जातियों को रिझाने के लिए ड्रामा करती है। बसपा प्रमुख मायावती ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आप लोगों से बस यही कहना चाहती हूं कि आप बीजेपी, कांग्रेस, सपा या अन्य किसी भी दल को वोट न दें। 

सपा के राज में था गुंडाराज,दंगों को दी गई थी हवा 
मायावती ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासन काल में दंगों को हवा दी गई। मुजफ्फरनगर दंगों के पीछे सपा का हाथ था। सपा के कामों से सिर्फ एक ही पार्टी को फायदा होता है। मुजफ्फनगर कांड इसका उदाहरण है। प्रदेश के विकास का काम भी उस दौरान एक विशेष क्षेत्र और समुदाय तक ही रहा। सपा ने दलित और पिछड़ों के साथ सौतेला व्यवहार किया। सपा सत्ता में आई तो पहले जो भी जिलों के नाम हमने पिछड़ा वर्ग के संत-महापुरुषों के नाम पर रखे थे उसे बदल दिया। संसद में पदोन्नति में आरक्षण का बिल आया तो सपा ने इसे भी फाड़ दिया जिससे दलितों को पदोन्नति में आरक्षण न मिल सके। 

योगी सरकार पर भी हुई हमलावर 
योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी की भी नीतियां जातिवादी और पूंजीवादी और आरएसएस के संकीर्ण अजेंडे पर केंद्रित रही हैं। धर्म के नाम पर तनाव और नफरत का वातावरण रहा है। प्रदेश में हर स्तर पर अपराध बढ़ा है दलित और महिलाएं आज के समय में सुरक्षित नहीं हैं। मीडिया में इनके आंकड़े दबा दिए जाते हैं। आगरा में भी इसी कड़ी में दलित युवक को पुलिस कस्टडी में मार दिया गया। दलितों और अल्पसंख्यक के हित में समाज में जो योजनाएं चल रही थीं उनका लाभ नहीं होने दिया गया। दलितों और पिछड़ों को आरक्षण का भी पूरा लाभ नहीं मिला। 

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