बाराबंकी जेल से सामने आए नींबू घोटाले को लेकर जेल अधीक्षक समेत 4 लोगों पर गाज गिराई गई है। मामले में निरीक्षण पर पहुंचे मंत्री के सामने भी बंदियों ने कई आरोप लगाए।
बाराबंकी: जेल में हुए नींबू घोटाले में शासन ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। सामने आए नींबू घोटाले के बाद जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत ही तत्काल जेल अधीक्षक और एक डिप्टी जेलर समेत दो बंदीरक्षकों पर गाज गिराते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया। आपको बता दें कि कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति बाराबंकी जेल पहुंचे हुए थे। जेल पहुंचने के बाद उन्होंने वहां तकरीबन ढाई घंटे तक जांच की। इस दौरान कई अहम बिंदुओं पर उन्होंने इस जांच को आगे बढ़ाया। बाराबंकी जेल में मंत्री धर्मवीर प्रजापति का यह दौरा काफी गोपनीय था। मंत्री ने वहां पहुंचने के बाद सभी अफसरों को बाहर कर अपनी टीम के साथ सभी जगहों का हाल देखा।
उत्पीड़न और सही भोजन न मिलने का भी लगा आरोप
जिस दौरान मंत्री वहां पहुंचे तो बंदियों ने जेल कर्मियों पर उत्पीड़न व सही भोजन न देने समेत कई अन्य आरोप लगाए। इसी के साथ ढाई घंटे तक मंत्री की जांच के दौरान भी कई खामियां सामने आईं। इस मामले में तीन माह में बंदियों को 36 क्विंटल नींबू पिलाने को लेकर कई जगहों पर खबर का प्रकाशन होने के बाद पूरे प्रकरण का खुलासा हो सका और लाखों रुपए के नींबू घोटाले की बात प्रकाश में आई। इसके बाद ही मामले की जांच शुरू हुई।
जेल अधीक्षक, डिप्टी जेलर समेत चार निलंबित
मामले को लेकर डीजी जेल आनंद कुमार ने पूरे प्रकरण की जांच डीआईजी जेल प्रशासन संजीव त्रिपाठी से करवाई। इस बीच शासन ने भी इस मामले का संज्ञान लिया। इसी बीच मंत्री भी वहां निरीक्षण करने पहुंच गए। मामले में जांच के बाद बुधवार को जेल अधीक्षक हरिबक्श सिंह, डिप्टी जेलर आशुतोष मिश्रा व जेल वार्डर राजेश भारती व सुरेश कुमार को निलंबित कर दिया गया। मामले को लेकर निलंबन की पुष्टि स्वंय डीजी जेल आनंद कुमार के द्वारा की गई है।
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