बाराबंकी में SC टीचर की कॉलेज में काटी गई चोटी, प्रधानाचार्य ने शिक्षक के आरोपों को किया खारिज, ये है पूरा केस

यूपी के जिले बाराबंकी के नगर कोतवाली क्षेत्र में स्थित सिटी इंटर कॉलेज से जुड़ा है। जहां एक अनुसूचित जाति के शिक्षक ने प्रधानाचार्य समेत अन्य टीचर पर गंभीर आरोप लगाए है। वहीं प्रधानाचार्य ने शिक्षक के इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 7, 2022 7:43 AM IST / Updated: Sep 07 2022, 01:26 PM IST

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के जिले बाराबंकी से बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक इंटर कॉलेज में संस्कृत के अध्यापक ने कॉलेज के प्रधानाचार्य समेत स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शिक्षक का कहना है कि कॉलेज के प्रधानाचार्य और तीन-चार टीचर मिलकर उनको प्रताड़ित कर रहे हैं। दरअसल अध्यापक का मानना है कि अनुसूचित जाति होने की वजह से इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। अनुसूचित जाति का टीचर होने के चलते कॉलेज में गालियां देने के साथ वहां से भगा दिया जाता है। इतना ही नहीं स्कूल का उपस्थिति रजिस्टर उससे छीन लिया जाता है। उनको रजिस्टर पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने दी जाती, जिसमें बाकी स्टाफ हस्ताक्षर करता है। इसके अलावा उनकी उपस्थिति दूसरे रजिस्टर पर दर्ज कराई जाती है। यहां तक कि सभी ने मिलकर उसके सिर की चोटी भी काट दी है। इन सबकी वजह से वह काफी परेशान है।

कॉलेज के प्रधानाचार्य समेत शिक्षकों पर लगाए गंभीर आरोप
जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला शहर के नगर कोतवाली क्षेत्र का है। यहां पर स्थिति सिटी इंटर कॉलेज में संस्कृत के शिक्षक के रूप में तैनात अभय कोरी नाम के एक शख्स ने कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. एससी गौतम समेत बाकी कई शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अभय कोरी का आरोप है कि विद्यालय में सामंतवादी सोच के तहत शिक्षकों ने गुट बना रखा है। यहां पर सभी लोग आए दिन उसे यह कह कर प्रताड़ित करते हैं कि तुम अनुसूचित जाति से आते हो। इस वजह से वह हमारे साथ काम नहीं कर सकते। शिक्षक का आरोप यह भी है कि जब वह कॉलेज में आचार्य वाले वस्त्र पहनकर आता था, तब उसे सभी भद्दी-भद्दी टिप्पणियां करकर परेशान करते थे। दूसरी ओर कॉलेज के प्रधानाचार्य ने शिक्षक के इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

साल 2018 में हुई थी शिक्षक की कॉलेज में नियुक्ति
संस्कृत शिक्षक अभय कोरी का आरोप है कि कॉलेज में ही सभी ने मिलकर उसकी चोटी काट दी। इसके साथ ही उसके साथ मारपीट भी की। जिसकी शिकायत उसने पुलिस से भी की थी। इतना ही नहीं अभय का कहना यह भी है कि बच्चों को पढ़ाने के लिए जाता है तो यह लोग जातिसूचक टिप्पणियां करते हैं। इन सब बातों की वजह से वह काफी परेशान हो चुका है। अभय के अनुसार उन्होंने टीजीटी करने के उपरांत साल 2018 में आयोग के द्वारा नियुक्ति मिलने के बाद सिटी इंटर कॉलेज में संस्कृत के आचार्य के रूप में अपनी नौकरी शुरू की थी। शुरुआती दिनों में जबतक वह कॉलेज के सभी इशारों पर काम करते रहे, तब तक ठीक था लेकिन जैसे ही उन्होंने बच्चों को पढ़ाने समेत बाकी काम शुरू किए, तो सभी उसके खिलाफ हो गए। कॉलेज में कहा गया कि वह अनुसूचित जाति से आता है इसलिए वह उन लोगों की बराबरी न करें।

प्रधानाचार्य ने शिक्षक के आरोपों को बताया निराधार
वहीं इस मामले में प्रधानाचार्य डॉ. एससी गौतम ने शिक्षक अभय कुमार के साभी आरोपी को गलत और निराधार बताया है। उनका कहना है कि यह शिक्षक चरित्र का ठीक नहीं है। उसने विद्यालय की कई छात्राओं के साथ गलत हरकतें की। इतना ही नहीं उनके साथ ही उसने मारपीट भी की है। इसी वजह से कॉलेज प्रबंधन ने उसे निलंबित किया था। उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल इस समय बहाल हो गया है, लेकिन जांच अभी भी जारी है। इस वजह से उसकी उपस्थिति दूसरे रजिस्टर पर दर्ज कराई जाती है और आदेश के मुताबिक उसे शिक्षण कार्य से भी दूर किया गया है। दूसरी ओर जिला विद्यालय निरीक्षक ओपी त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक को बहाल किया जा चुका है। उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर न कराने और चोटी काटने के आरोपों पर कहा कि इसकी जांच आख्या वह कॉलेज से मंगवाकर, जो भी तथ्य निकलकर आएंगे, उसके आधार पर आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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