यूपी के बरेली में नशे की हालत में पिल्लों के कान और पूंछ काटे जाने का मामला सामने आया। इस मामले में पुलिस ने पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी न होने को लेकर कारण बताया है।
बरेली: नशे की हालत में पिल्लों के कान और पूंछ काटने वाले आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकती है। बरेली के फरीदपुर थाने में पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया है लेकिन जो धारा लगी है उसमें गिरफ्तारी नहीं है। इस बात की जानकारी खुद फरीदपुर इंस्पेक्टर दयाशंकर ने मीडिया को दी है। उन्होंने बताया कि जिस धारा में एफआईआर दर्ज है उसमें 7 साल से कम की सजा है। मामले में गिरफ्तारी को लेकर कोई धारा नहीं है।
शराब के नशे में काट लिए पिल्लों के कान और पूंछ
यह पूरा मामला बरेली के फरीदपुर से सामने आया था। यहां एसडीएम कॉलोनी निवासी मुकेश वाल्मीकि अपे दोस्त के साथ मंगलवार की शाम शराब पी रहे थे। इसी बीच उन्होंने 2 लावारिस पिल्लों को पकड़ लिया। दोनों ही पिल्ले ठंड की वजह से परेशान थे। शराबियों ने पिल्लों की पूंछ और कान काट लिया और उसे खा गए। बेजुबानों से साथ हुई इस क्रूरता का पता जब आसपास के लोगों को लगा तो मौके पर भीड़ जुटी। पीएफए रेस्क्यू टीम के धीरज पाठक ने मौके पर जाकर देखा कि पिल्ले खून से लथपथ बंद कमरे में भौंक रहे थे। दोनों के कान कटे थे और खून बह रहा था। पिल्लों का मेडिकल किया गया। इस बीच वहां मौजूद महिला ने खून पर मिट्टी डालकर साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया।
आस-पास के लोगों ने भी नहीं किया बेजुबानों को बचाने का प्रयास
मोहल्ले के लोगों द्वारा टीम को बताया गया कि शाम के समय मुकेश और उसका साथी दोनों पिल्लों को गोद में उठा ले गए। दोनों ने पिल्लों के कान और पूंछ काट ली। पिल्ले दर्द से चिल्लाते रहे लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें बचाना तक जरूरी नहीं समझा। इस मामले में पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 और 429 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।