अंकित हत्याकांड: 12वीं पास कंपाउंडर की साजिश से अधिकारी हैरान, हत्यारे पर दोस्तों के शक की वजह से खुला राज

यूपी के जिले गाजियाबाद में PHD स्कॉलर अंकित खोखर की हत्या करने वाला हॉस्पिटल कम्पाउंडर एवं मुंहबोला जीजा उमेश शर्मा ने की है। उसकी साजिश को देख पुलिस भी हैरान रह गई। अंकित के दोस्तों की वजह से दो महीने बाद हत्या का राज खुला है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 15, 2022 5:07 AM IST

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के जिले गाजियाबाद के मोदीनगर में किराए के मकान में रहने वाला PHD स्कॉलर अंकित खोखर की हत्या का आरोपी 12वीं पास है। वह लंबे समय हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के पास कंपाउंडर रहा है। अंकित खोखर की हत्या करने वाला हॉस्पिटल कम्पाउंडर एवं मुंहबोला जीजा उमेश शर्मा बेहद शातिर निकला कि अफसर ही गच्चा खा गए। आरोपी ने पुलिस से कहा कि अंकित तनाव में था और कहीं चला गया है। उसके बाद पुलिस ने अंकित के मोबाइल की लोकेशन निकलवाई तो यह अलग-अलग जगह की मिली। इसके अलावा अंकित के खाते के बारे में जानकारी कीतो उससे रकम लगातार निकाली जा रही थी। इस वजह से लगा कि उमेश सच बोल रहा है। 

आरोपी ने अंकित का कमरा खोलकर दिखाने से किया था मना
हत्यारे उमेश ने तो पुलिस को गुमराह कर ही दिया था लेकिन अंकित के दूसरे दोस्तों ने अंकित के साथ कुछ अनहोनी हुई तब जाकर हत्या का राज खुल अन्यथा राज सिर्फ राज बनकर रह जाता। अंकित के दोस्तों ने पुलिस से कहा कि उमेश ठीक से बात नहीं कर रहा है। इसके अलावा उसने अंकित का कमरा खोलकर दिखाने से भी मना कर दिया। इस वजह से शक पहले से भी ज्यादा गहरा हो गया। मृतक के साथियों ने पुलिस को यह भी बताया कि अंकित उनसे रोज बात करता था लेकिन छह अक्टूबर के बाद से उसका फोन नहीं उठ रहा है, घंटी भी पूरी जा रही है मगर कॉल रिसीव नहीं हो रहा है। दूसरी ओर उसका व्हाट्सएप पर चल रहा है। इस वजह से दोस्तों ने व्हाट्सएप पर चैटिंग के दौरान कुछ गलत जानकारी डाली। उमेश को इसके बारे में पता नहीं था और उसने इसे सही जानकर जवाब दे दिया।

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हत्यारे ने आगे के लिए खुद को मरा हुआ साबित करने की बनाई थी योजना 
इन्हीं सब सवालों के साथ जब पुलिस ने सख्ती से उमेश से पूछताछ की तो पता चला कि अंकित की हत्या हो जाएगा तो किसी को पता नहीं चलेगा क्योंकि उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है। परिवार में किसी और से उसका बहुत संपर्क नहीं था। उमेश को क्या पता था कि माता-पिता तो नहीं पर दोस्त ऐसे अड़ जाएंगे की उसका बनाया गया पूरा प्लान चौपट कर देंगे। उमेश की इस तरह की हरकतों के बाद पुलिस के पास पहुंचकर पूरी वारदात बताई। हालांकि, उसने इसके आगे की भी सोच रखी थी। अगर पुलिस को पता चला तो क्या करना है, यह साजिश में पहले से शामिल था। उसने उमेश के कपड़े जला दिए थे। शव के टुकड़े फेंकने के लिए वह दोस्त की गाड़ी मांगकर लाया था।

आरोपी ने अंकित का फोन दोस्त को इस्तेमाल करने के लिए दिया 
हत्यारे उमेश ने साजिश में दोस्त प्रवेश को शामिल किया और उससे कहा कि अंकित के मोबाइल का इस्तेमाल इस तरह से करना कि पुलिस इसकी डिटेल निकाले तो लगे कि अंकित जीवित है। इसी के तहत उसने प्रवेश को अंकित का मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड दिया। उसके बाद पैसा उत्तराखंड से निकलवाया। उसने एक दिसंबर को हरिद्वार से 40 हजार रुपये निकाले। इसके बाद दो दिसंबर को ऋषिकेश से दो बार में 40-40 हजार रुपये निकाले। उसका कहना था कि ऐसा इसलिए किया ताकि पुलिस को लगे कि अंकित उत्तराखंड में घूम रहा है और जरूरत पड़ने पर रकम निकाल रहा है ।

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