गोरखपुर के तिवारीपुर थाने में तैनात दारोगा हरेंद्र प्रताप सिंह को शनिवार की सुबह आवास में रहस्यमय स्थिति में गोली लग गई। गोली चलने की आवाज सुनकर पहुंचे पुलिसकर्मी और थानेदार जमीन पर खून से लथपथ पड़े दारोगा को मेडिकल कालेज ले गए जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में गोरखपुर जिले के तिवारीपुर थाने में तैनात एक दरोगा ने अपने सरकारी आवास में गोली मारकर खुदकुशी कर ली। पुलिस अधीक्षक नगर सोनल कुमार ने बताया कि 30 वर्षीय हरेंद्र प्रताप सिंह की ड्यूटी शनिवार को होली पर्व पर निकलने वाली नरसिंह यात्रा के लिये लगी थी। गोली चलने की आवाज सुनकर थाने के लोग उनके आवास में गए। हरेंद्र जमीन पर खून से लथपथ पड़े थे और उन्हें तत्काल मेडिकल कालेज उपचार के लिए लाया गया, जहां डॉक्टर ने मौत की पुष्टि कर दी। मृतक दरोगा अयोध्या जिले के रहने वाले थे। एक साल से उनकी तैनाती तिवारीपुर थाने में बतौर सेकेंड अफसर थी। थाना परिसर में स्थित सरकारी आवास में ही हरेंद्र रहते थे।
शोभायात्रा में ड्यूटी के लिए निकल रहे थे पुलिसकर्मी
मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह छह बजे थाने में तैनात पुलिसकर्मी घंटाघर से निकलने वाली भगवान नरसिंह की शोभायात्रा में ड्यूटी करने के लिए निकल रहे थे। इसी दौरान सरकारी आवास की तरफ गोली चलने की आवाज सुनाई दी। सिपाहियों के साथ थानेदार राजेन्द्र प्रताप सिंह पहुंचे तो देखा कि दारोगा हरेंद्र प्रताप सिंह अपने आवास की फर्श पर खून से लथपथ पड़े थे। बगल में ही उनकी सरकारी पिस्टल पड़ी थी। सरकारी जीप से ही अचेतावस्था में हरेंद्र को थानेदार मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी होते ही गोरापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन ताडा, एसपी सिटी सोनम कुमार फोर्स के साथ मेडिकल कालेज पहुंच गए और थानेदार से घटना की जानकारी ली।
कई दिनों से मानसिक परेशान बताया जा रहा था मृतक पुलिसकर्मी
प्रभारी निरीक्षक तिवारीपुर राजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि दारोग़ा को गोली कैसे लगी इसकी जांच चल रही है। थाने में तैनात पुलिसकर्मी चर्चा कर रहे थे कि पारिवारिक विवाद में दरोगा ने खुद को गोली मारी है। पिछले कई दिनों से हरेंद्र परेशान दिख रहे थे। वहीं, यह भी चर्चा है कि वह छुट्टी न मिलने से भी परेशान थे। जिस कमरे में घटना हुई है, उसे सील कर दिया गया है। फोरेंसिक टीम मामले की जांच कर रही है।