राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा बीएचयू के प्रोफेसर फिरोज खान का समर्थन करने के बाद छात्रों का विरोध प्रदर्शन खत्म हो गया है। वहीं, प्रोफेसर ने भी आयुर्वेद विभाग मं नियुक्ति को लेकर आवेदन दिया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि फिरोज खान को संस्कृत से हटाकर आयुर्वेद विभाग में नियुक्त किया जा सकता है।
वाराणसी (Uttar Pradesh). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा बीएचयू के प्रोफेसर फिरोज खान का समर्थन करने के बाद छात्रों का विरोध प्रदर्शन खत्म हो गया है। वहीं, प्रोफेसर ने भी आयुर्वेद विभाग मं नियुक्ति को लेकर आवेदन दिया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि फिरोज खान को संस्कृत से हटाकर आयुर्वेद विभाग में नियुक्त किया जा सकता है।
10 दिन में फिरोज खान पर फैसला करेगा बीएचयू प्रशासन
धरने का नेतृत्व कर रहे छात्र चक्रपाणि ओझा ने कहा कि कुलपति ने आश्वासन दिया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन 10 दिन में मामले में उचित कदम उठाया जाएगा। जिसके बाद धरना खत्म किया गया। अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो हम परीक्षा और कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे। बता दें, इससे पहले शुक्रवार को संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग का ताला खोला गया था।
बीएचयू प्रवक्ता ने कही ये बात
वहीं, प्रोफेसर फिरोज खान के विभाग बदलने पर बीएचयू के प्रवक्ता ने कहा, कोई भी व्यक्ति, किसी भी जगह, कितनी बार भी आवेदन कर सकता है। ये उसका अपना विवेक व अधिकार है। किसी मेरिटोरियस आवेदक का सूची में शीर्ष पर आना कोई भी असामान्य बात नहीं है।
बीएचयू में संस्कृत शिक्षक पर क्या है विवाद?
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में फिरोज खान को संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त किए जाने का विवाद थम नहीं रहा है। प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि, यूनिवर्सिटी साफ कर चुका है कि खान की नियुक्ति बीएचयू एक्ट, केंद्र सरकार और यूजीसी की गाइडलाइंस के तहत ही हुई है।