Inside Report : बीएचयू में होगा कोरोना मरीजों के भविष्य में होने वाले खतरे पर शोध, सड़कों पर बेखौफ घूम रहे लोग

कोरोना की चौथी लहर के आसार एक तरफ नजर आने लगे है क्योंकि लोग कोरोना के नियमों को पालन बिल्कुल नहीं कर रहे तो वहीं काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कोरोना मरीजों के भविष्य में होने वाले खतरे पर शोध चल रहा है। 

Pankaj Kumar | Published : May 1, 2022 9:01 AM IST

अनुज तिवारी
वाराणसी:
देश में एक बार फिर कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है, हालांकि यह इजाफा इकाई में हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा बढ़ते संक्रमण को लेकर व्यवस्थाएं पहले से ही कर ली गई है। इसको लेकर विभाग द्वारा समय-समय पर बीफ्रिंग और उचित दिशा निर्देश भी जारी किया जा रहा है। कोरोना महामारी को देखते हुए कई शैक्षिक और वैज्ञानिक इस पर रिसर्च भी कर रहे हैं। इसी क्रम में बीएचयू में एक नए रिसर्च की शुरुआत की गई है। इसमें कोरोना मरीज रहे लोगों को भविष्य में कौन कौन सी दिक्कतें होने वाली हैं इस पर रिसर्च किया जा रहा है। 

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग और जंतु विज्ञान संस्थान के संयुक्त पहल शुरु की गई है। कोरोना की संभावित चौथी लहर के बीच दोनों विभागों ने मिलकर कोविड मरीज रहे लोगों को भविष्य में किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है इसके लिए जांच शुरु की है। 

वैज्ञानिकों ने शुरू किया रिसर्च 
न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र ने बताया कि हर शनिवार अपराह्न 12 से 1 बजे के बीच में न्यूरोलॉजी लैब में ऐसे लोगों के खून का सेम्पल लिया जा रहा है जो पहले कोरोना के मरीज रह चुके है। प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि हम जीन ( ACE2, TMPRSS2 और FURIN genes) की जांच करेंगे, जिससे यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि मरीज के ऊपर इस बीमारी का क्या असर पड़ा है और भविष्य में क्या समस्याएं आएगी। इसके लिए एक टीम तैयार की गई है, मरीजों से बातचीत और सैंपल जांच के बाद हम इस दिशा में शोध करेंगे।

कोरोना का खौफ नहीं है सड़कों पर
एक तरफ कोरोना महामारी को लेकर स्वास्थ्य महकमा बचाव के लिए तैयारियां कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ इसका खौफ लोगों के अंदर नहीं दिखाई दे रहा। धड़ल्ले से लोग कोरोना से बचाव के नियमों को तार-तार कर रहा हैं। लोगों के चेहरे से मास्क गायब हो गया हैं। सोशल डिस्टेसिंग तो दूर दूर तक नहीं दिखाई दे रहा है। वहीं इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को मास्क का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। 

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