आजम खां को फिर लगा बड़ा झटका, जौहर यूनिवर्सिटी से पुलिस बल हटाने की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया खारिज

सपा के दिग्गज नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को बड़ा झटका लगा है। जौहर यूनिवर्सिटी से पुलिस बल हटाने की मांग वाली याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इससे पहले डीएम को भी पत्र लिखा गया था।

Asianet News Hindi | Published : Nov 23, 2022 7:13 AM IST

प्रयागराज: समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी में पुलिस बल की तैनाती के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस व के बिडला और जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की खंडपीठ ने यह फैसला दिया है। याची के अनुसार, विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस की मौजूदगी के कारण तनाव फैल रहाहै। साथ ही पठन-पाठन का मालौल भी खराब हो रहा है। आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की याचिका में स्थानीय प्रशासन पर भी कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। 

पुलिस बल हटाने की हुई थी मांग
इस दौरान याचिका में कहा गया कि शिकायक के बाद भी पुलिस बल को स्थानीय प्रशासन नहीं हटा रहा है। इस कारण से पूरे विश्वविद्यालय परिसर में भय का माहौल बना हुआ है। साथ ही एडमिशन प्रोसेस भी रुका हुआ है और सही से पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है। बता दें कि जौहर यूनिवर्सिटी में नगर पालिका की सफाई मशीन जमीन के भीतर दबी मिली थी। विश्वविद्यालय परिसर में मदरसा आलिया से चोरी की गई किताबें भी बरामद की गईं थीं। इसके बाद से वहां पर पुलिस तैनात कर दी गई थी। लेकिन डीएम को पत्र लिख विश्वविद्यालय के कुलपति ने पुलिस को वहां से हटाने की मांग की थी। जिसके बाद पुलिस को विश्वविद्यालय से हटा लिया गया था। 

क्लासेज और पढ़ाई हो रही प्रभावित
वहीं 31 अक्टूबर की रात में फिर से विश्वविद्यालय में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। जिसके बाद सीएम को पत्र लिख कहा गया था कि शिक्षा के मंदिर में पुलिस के तैनात होने पर छात्रों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है। जिसके कारण नए एडमिशन भी नहीं हो रहे हैं और कई कर्मचारी पुलिस के डर से नौकरी भी छोड़ कर जा चुके हैं। बता दें कि पुलिस ने यूनिवर्सिटी के दो सहायक वित्त अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर लिया था। जिनकी रिहाई 15 अक्टूबर को हुई थी। वित्त अधिकारियों की गिरफ्तारी के कारण छात्रों को नो ड्यूज भी नहीं मिल पाया। जिसके कारण अगली कक्षाएं प्रभावित हुईं। 

जिला प्रशासन ने मामले पर नहीं उठाया कोई कदम
वहीं जौहर विश्वविद्यालय के वॉइस चांसलर ने कहा था कि विश्वविद्यालय आपके प्रदेश की धरोहर है। इसलिए आप कभी भी यहां आकर निरीक्षण कर सकते हैं। डिप्टी रजिस्ट्रार ने डीएम को पत्र लिए विश्वविद्यालय से पुलिस बल हटाने की मांग की है। इस संबंध में रजिस्ट्रार ने विश्वविद्यालय के 74 कर्मचारियों के साइन वाला पत्र भेजा था। लेकिन इसेक बाद भी जिला प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए जाने पर पूर्व मंत्री ने हाईकोर्ट के समक्ष मामले की गुहार लगाई थी। फिलहाल इस याचिका को हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दिया। 

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