यूपीपीसीएल ने अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि के तकरीबन 16 अरब रूपए को सरकारी बैंक में न रखकर हाउसिंग फाइनेंस कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFCL) में जमा करा दिया
लखनऊ( Uttar Pradesh ). उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों का भविष्य संकट में आ गया है। विभाग में कर्मचारी भविष्य निधि (PF) में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यूपीपीसीएल ने अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि के तकरीबन 16 अरब रूपए को सरकारी बैंक में न रखकर हाउसिंग फाइनेंस कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFCL) में जमा करा दिया। यह कम्पनी अब डूबने की कगार पर है। मामले के उजागर होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ इस पर सख्त हो गए हैं। जिसके बाद सीएम के आदेश पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
गौरतलब है UPPCL के महाप्रबंधक कॉमर्शियल प्रवीन कुमार गुप्ता सीपीएफ ट्रस्ट और जीपीएफ ट्रस्ट दोनों का कार्यभार देख रहे थे। उन्होंने तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी से अनुमोदन प्राप्त कर वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के 2015 के आदेश को दरकिनार करते हुए भविष्य निधि फंड की 50 प्रतिशत से अधिक राशि को दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (DHFCL) नामक निजी संस्था में निवेश कर दी। जबकि उक्त संस्था अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की श्रेणी में नहीं आती। गौर करने वाली बात ये है कि DHFCL इस समय भारी नुकसान में है और डूबने की कगार पर है। ऐसे में माना जा रहा है कि UPPCL के कर्मचारियों द्वारा अपने भविष्य को देखते हुए PF अकाउंट में जमा किया गया पैसा भी डूब सकता है।
सीएम के निर्देश पर FIR,दो अफसर गिरफ्तार
ट्रस्ट के सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता और तत्कालीन निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी पर आरोप है कि उत्तर प्रदेश स्टेट पावर सेक्टर इम्प्लाइज ट्रस्ट एवं उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन अंशदायी भविष्य निधि ट्रस्ट में जमा कार्मिकों के जीपीएफ व सीपीएफ की धनराशि को निजी संस्था में नियम विरुद्ध निवेश किया। मामला प्रकाश में आते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। जिसके बाद हजरतगंज थाने में दो अफसरों निदेशक वित्त सुधांशु त्रिवेदी और महाप्रबंधक कॉमर्शियल प्रवीन कुमार गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
मामले की जांच करेगी CBI
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली कर्मचारियों के जीपीएफ और सीपीएफ की धनराशि एक निजी संस्था डीएचएलएफ में जमा करने के मामले की जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सीबीआई यह जांच अपने हाथ में नहीं ले लेती, तब तक पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के डीजी इसकी जांच करेंगे। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले की सीबीआई जांच कराने का अनुरोध किया था।