
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha chunav 2022) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का निषाद पार्टी (Nishad party) के साथ गठबंधन फाइनल है। उत्तर प्रदेश में भाजपा से विधान परिषद सदस्य और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने रविवार को इसकी घोषणा की। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) के संजय निषाद का दावा है कि उनकी पार्टी को भाजपा से 15 सीट मिलेगी।
निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने रविवार को कहा कि विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव के लिए वो सोमवार को दिल्ली में अमित शाह समेत कई वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगे। उस दौरान उन क्षेत्रों पर चर्चा होगी, जहां पर वो अपने उम्मीदवार उतारना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनको मिली 15 सीटें अधिकांश पूर्वांचल (पूर्वी यूपी) और कुछ पश्चिमांचल (पश्चिम) में हैं। कुछ सीटों को वो बदलते समीकरणों के साथ बदलना चाहते हैं। वो केवल सीट पर ही नहीं बल्कि जीत पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल यानी निषाद पार्टी का गठन 2016 में किया गया था। इसके नेता ने कहा कि हमें निषाद समुदाय के समर्थन से जीत मिलती है। निषाद समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में से एक है। संजय निषाद ने कहा कि उनकी पार्टी ने पूरे राज्य में अपनी पैठ बना ली है। गोरखपुर, बलिया, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर, जौनपुर, भदोही, सुल्तानपुर, फैजाबाद, चित्रकूट, झांसी, बांदा, हमीपुर और इटावा जिलों में इसका काफी प्रभाव है। निषाद पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव 2017 में पीस पार्टी ऑफ इंडिया, अपना दल और जन अधिकार पार्टी के साथ गठबंधन में 100 उम्मीदवार खड़े किए, लेकिन वह भदोही जिले के ज्ञानपुर में सिर्फ एक सीट जीत सकी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद गोरखपुर ग्रामीण से विधानसभा चुनाव लड़े थे और तीसरे स्थान पर आए थे।
वहीं 2018 के लोकसभा उपचुनाव में संजय निषाद के बेटे प्रवीण कुमार निषाद समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार थे। उन्होंने उस सीट पर जीत हासिल कर इतिहास बदल दिया, क्योंकि ये सीट 1989 से बीजेपी के पास रही थी। हालांकि अब प्रवीण कुमार संत कबीर नगर से बीजेपी सांसद हैं। एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर में निषाद समुदाय दूसरा सबसे बड़ा जनसांख्यिकीय समूह है।
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