इस चुनाव में बीजेपी को मिली करारी हार, एक जगह तो जमानत तक नहीं बचा सका कैंडिडेट

यूपी के सोनभद्र में 2 सीटों पर हुए नगर पंचायत उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा। गौर करने वाली बात ये है कि एक सीट पर तो बीजेपी प्रत्याशी को इतने कम वोट मिले कि वो अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। दोनों जगह निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 16, 2020 10:56 AM IST / Updated: Jan 16 2020, 04:28 PM IST

सोनभद्र (Uttar Pradesh). यूपी के सोनभद्र में 2 सीटों पर हुए नगर पंचायत उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा। गौर करने वाली बात ये है कि एक सीट पर तो बीजेपी प्रत्याशी को इतने कम वोट मिले कि वो अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। दोनों जगह निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी। 

जमानत तक नहीं बचा सका बीजेपी प्रत्याशी
सोनभद्र के चोपन और रेणुकूट में नगर पंचायत अध्यक्ष का उपचुनाव हुआ। चोपन में निर्दलीय प्रत्याशी फरीदा बेगम ने बीजेपी के सत्य प्रकाश को मात दी। फरीदा बेगम को कुल 2873 वोट मिले, जबकि सत्य प्रकाश को 2323 वोट से संतोष करना पड़ा। बता दें, फरीदा बेगम पूर्व चेयरमैन स्वर्गीय इम्तियाज अहमद की पत्नी हैं। 

वहीं, रेणुकूट नगर पंचायत अध्यक्ष के उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी निशा सिंह ने बाजी मारी। निशा पूर्व चेयरमैन स्व.बबलू सिंह की पत्नी हैं। इन्हें कुल 3476 वोट मिले। जबकि दूसरे नंबर पर निर्दल प्रत्याशी अनिल सिंह 1889 वोटों के साथ रहे। बीजेपी प्रत्याशी शारदा खरवार को सिर्फ 51 वोट मिले। वो अपनी जमानत तक नहीं बचा बचा सके। इस तरह ही दोनों नगर पंचायत उपचुनाव में बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। 

प्रत्याशियों ने जीत के बाद जनता का जताया आभार
रेणुकूट से जीत दर्ज करने वालीं निशा सिंह ने कहा, पति के आधे-अधूरे सपनों को पूरा करना चाहती हूं। जीत के लिए नगरवासियों को धन्यवाद। वहीं, फरीदा बेगम ने चोपनवासियों का धन्यवाद देते हुए कहा, मेरे पति की हत्या के बाद चोपन के लोगों ने मेरा साथ दिया। मुझे जीत का भरोसा था।

कैसे खाली हुई थी दोनों सीटें
रेणुकूट नगर पंचायत से शिव प्रताप सिंह उर्फ बबलू सिंह व चोपन से इम्तियाज अहमद ने जीत हासिल की थी। 25 अक्टूबर 2018 को इम्तियाज अहमद की चोपन के ही ग्रेवाल पार्क में गोली मारकर हत्या कर दी गई। वहीं, रेणुकूट नगर पंचायत अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह उर्फ बबलू सिंह की 30 सितंबर को उनके आवास पर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद से ही दोनों पद खाली हुए थे। उप चुनाव में दोनों की पत्नियों ने जीत हासिल कीं।

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