UP: पूर्व राज्यपाल की महिलाओं को नसीहत- थानों में शाम 5 बजे के बाद ना जाएं... कांग्रेस बोली- ढोल की पोल खुली

भाजपा (BJP) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और उत्तराखंड (Uttrakhand) की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य (Baby Rani Maurya) ने यूपी की महिलाओं को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि रात होने के बजाय दूसरे दिन सुबह थाने जाना चाहिए। अंधेरे में नहीं जाना चाहिए। साथ ही कहा कि महिलाओं के लिए सरकार (UP Government) ने बहुत काम किया है और व्यवस्था में बदलाव भी हुआ है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 23, 2021 6:41 AM IST

वाराणसी। बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य (BJP Leader Baby Rani Maurya) के एक बयान ने पूरे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की कानून व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने महिलाओं को लेकर कहा कि ‘थानों में एक महिला अधिकारी और सब-इंस्पेक्टर जरूर बैठती हैं, लेकिन एक बात मैं जरूर कहूंगी कि शाम 5 बजे अंधेरा होने के बाद थाने कभी मत जाना। अगर जरूरी हो तो अगले दिन सुबह जाना और अपने साथ भाई, पति या पिता को लेकर ही थाने जाना।’ मौर्य के इस बयान से विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस (Congress) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से कहा कि आप जो महिला सुरक्षा का ढोल पीट रहे थे, उसी ढोल की पोल पूर्व राज्यपाल और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी मौर्याजी वाराणसी  (Varanasi) में खोल रही हैं।

 

दरअसल, बेबी रानी मौर्य वाराणसी में आयोजित वाल्मीकि महोत्सव के कार्यक्रम में महिलाओं को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने व्यवस्थाओं पर भी सवाल किए। यूपी में किसानों को खाद ना मिलने पर उदाहरण दिया और कहा, ‘अधिकारी सभी को गुमराह करते रहते हैं। मुझे परसों आगरा से एक किसान भाई का फोन आया था। उसे खाद नहीं मिल रही थी। मेरे कहने पर अधिकारी ने कहा कि खाद मिल जाएगी, लेकिन आज उस अधिकारी ने मना कर दिया कि मैं नहीं दूंगा। इस तरह की बदमाशी निचले स्तर पर होती है। इसे आप लोगों को देखने की जरूरत है। अगर कोई भी अधिकारी बदमाशी कर रहा है तो उसकी शिकायत डीएम से करो, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दो।’

सरकार ने थानों को मिशन शक्ति में डायवर्ट किया, मौर्य ने सवाल खड़े किए
मौर्य ने पीएम मोदी और सीएम योगी के कार्य की तारीफ की और कई योजनाओं को महिलाओं के सामने रखा। बनारस में चल रहे विकास की भी चर्चा की तो महिलाओं को जल्द न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की सुविधा की भी वकालत की। लेकिन सरकार ने महिलाओं के सुरक्षा के लिए जिन पुलिस थानों को मिशन शक्ति के रूप में डायवर्ट किया, उन पर सवाल खड़े कर दिए। 

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