लखनऊ विवि में छात्र राजनीति से इन नेताओं ने की शुरुआत और योगी सरकार 2.0 में मंत्री के पद तक तय किया सफर

योगी सरकार 2.0 के शपथग्रहण के साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय में जश्न का दोगुना माहौल देखने को मिल रहा है। इस जश्न के पीछे का कारण है कि कई ऐसे चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं जिन्होंने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से लविवि से ही की थी। 

लखनऊ: योगी सरकार 2.0 के शपथग्रहण के बाद पूरे प्रदेश में खुशी का माहौल है। हालांकि लखनऊ विश्वविद्यालय में ये खुशी दोगुनी है। कार्यक्रम के दौरान कई ऐसे चेहरों ने भी मंत्री पद की शपथ ली जिन्होंने राजनीति की शुरुआत छात्र राजनीति से लखनऊ विश्वविद्यालय से की थी। इसके बाद उन्होंने मंत्री पद तक का सफर तय किया। शपथग्रहण के बाद सभी नेताओं के घर पर जश्न का माहौल देखा गया। 

ब्रजेश पाठक 
योगी सरकार 2.0 के शपथग्रहण के दौरान ब्रजेश पाठक ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यूपी चुनाव 2022 में ब्रजेश पाठक ने लखनऊ की कैंट सीट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। जिसके बाद से माना जा रहा था कि ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। ऐसा ही शपथग्रहण के दौरान देखने को भी मिला। लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से आगे बढ़कर प्रदेश के कानून मंत्री और अब डिप्टी सीएम तक का सफर उन्होंने खुद अपने दम पर तय किया है। ब्रजेश पाठक 1989 में लविवि छात्र संघ के उपाध्यक्ष चुने गए थे। इसके बाद 1990 में वह छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने कांग्रेस और बसपा के टिकट पर भी पूर्व में चुनाव लड़े और 2016 में वह बीजेपी में शामिल हुए। इसके बाद 2017 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो ब्रजेश पाठक को कानून मंत्री बनाया गया। 

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सुरेश खन्ना 
साल 1989 में पहली बार चुनाव जीतने के बाद सुरेश खन्ना ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी जीत का सिलसिल 2022 के चुनाव तक जारी रहा। सुरेश खन्ना की राजनीति में दिलचस्पी लखनऊ विश्वविद्यालय में एलएलबी की पढ़ाई के दौरान से थी। सुरेश खन्ना का रुझान छात्र जीवन से ही राजनीति में था। लोकदल के टिकट पर पहला चुनाव लड़ने के बाद जब वह सफल नहीं हुए तो उन्होंने भाजपा का दामन थामा। इसके बाद ही 1989 में पहली बार वह विधायक बने। इसके बाद 1991, 1993, 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में भी शाहजहांपुर की जनता सुरेश खन्ना को विधायक के तौर पर चुनती रही। 

दयाशंकर सिंह 
दयाशंकर सिंह 2022 में बलिया से जीत दर्ज कर राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के पद तक पहुंच चुके हैं। उन्होंने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से ही की थी। वह लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी के सदस्य थे। 1997 से लेकर 1998 तक दयाशंकर सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव रहें। इसके बाद वह 1998 से लेकर 1999 तक अध्यक्ष भी रहें। इसके बाद उन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर जिम्मेदारी निभाई। 

दानिश आजाद अंसारी 
बलिया के बसंतपुर के निवासी दानिश अंसारी योगी मंत्रिमंडल में अकेले मुस्लिम मंत्री के रूप में शामिल हुए। वह छह साल तक भाजपा से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता रहे हैं। दानिश ने 2006 में लखनऊ विश्वविद्यालय से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद 2011 में वह भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी से जुड़े। इसके बाद से ही उनका नाम विवि में गूंजने लगा। 
 

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