यूपी के जिले बुलंदशहर में शिक्षकों और कर्मचारियों की लापरवाही से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा दो की एक छात्रा को क्लास रूम में बंद हो गई। घर नहीं पहुंचने पर घरवालों ने तलाश शुरू की तो कक्षा में बंद बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो पता चला कि वह स्कूल में बंद है।
बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश में शिक्षकों और कर्मचारियों की लापरवाही के कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसा ही एक मामला राज्य के बुलंदशहर से सामने आ रहा है। यहां के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा दो की छात्रा को कमरे में बंद कर दिया गया। कक्षा के अंदर रोती और मदद मांगती लड़की का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। जिसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को निलंबित करने का फैसला किया है।
घर नहीं लौटने पर बच्ची की शुरू हुई तलाशी
जानकारी के अनुसार शहर के सेगड़ा पीर क्षेत्र स्थित सांविलियन विद्यालय का मामला है। इस स्कूल में ही कक्षा दो की छात्र को बंद कर दिया गया था। इस मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी यानी बीएसए बीके शर्मा ने स्कूल के प्रधानाध्यापक, चार शिक्षक, दो शिक्षामित्र और एक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी को निलंबित किया है। उन्होंने बताया कि जब लड़की घर नहीं लौटी तो परिवार ने तलाशी शुरू की और जब लोगों ने स्कूल से उसके रोने की आवाज सुनी तो बच्ची मिली। उसके बाद स्कूल स्टाफ को कक्षा खोलने के लिए बुलाया गया और बच्चे को बाहर लाया गया।
संभल में 18 घंटे तक बंद थी सात साल की बच्ची
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) बीके शर्मा ने घटना की पुष्टि करते हुए शुक्रवार को बताया कि शहर के गुलावठी विकास खंड के संबंधित विद्यालय में छुट्टी के बाद दूसरी कक्षा की छात्रा को स्टाफ कमरे में बंद करके चला गया। यह बहुत बड़ी लापरवाही है और इसमें पूरे विद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारी को निलंबित कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि गुरुवार को क्षेत्र में प्रखंड स्तरीय संघ चुनाव हुआ था और शिक्षक जल्दी निकल गए थे। कक्षा में बंद बच्ची के रोने की आवाज सुनकर वहां उसके होने का पता चला, जिसके बाद स्कूल के कर्मचारी को बुला कक्षा खुलवाकर छात्रा को बाहर निकाला गया। आपको बता दें कि महीने की शुरूआत में ही सात साल की बच्ची संभल जिले के एक स्कूल में 18 घंटे तक बंद रही थी।