CM योगी को अजय बिष्ट कहने पर दर्ज हुआ केस, जानें क्या है इस नाम से आदित्यनाथ का कनेक्शन

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को अजय बिष्ट कहने पर सपा नेता के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। नेता पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है। बता दें, योगी बनने से पहले सीएम आदित्यनाथ का असली नाम अजय बिष्ट था।
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 5, 2019 11:38 AM IST / Updated: Dec 05 2019, 05:13 PM IST

वाराणसी (Uttar Pradesh). यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को अजय बिष्ट कहने पर सपा नेता के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। नेता पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है। बता दें, योगी बनने से पहले सीएम आदित्यनाथ का असली नाम अजय बिष्ट था।

क्या है पूरा मामला
वाराणसी के शिवपुर थाने में आईटी एक्ट के तहत वकील कमलेश चंद्र ने सपा प्रवक्ता आईपी सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराया है। कमलेश चंद्र ने कहा, सीएम योगी आदित्यनाथ संत परंपरा के अनुसार जीवन जी रहे हैं। वह गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं, जो सनातन धर्म के करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। सोशल मीडिया पर  आईपी सिंह सीएम योगी की जगह अजय सिंह बिष्ट लिखते हैं। ऐसा करके वो सनातन धर्म में आस्था रखने वालों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं। 

कौन हैं आईपी सिंह
सपा प्रवक्ता आईपी सिंह पहले बीजेपी में थे। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान इन्हें अनुशासनहीनता के आरोप में 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। जिसके बाद ये सपा में शामिल हो गए। तभी से ये लगातार पीएम मोदी और सीएम योगी पर लगातार सोशल मीडिया पर हमलावर रहते हैं। 

कैसे अजय बिष्ट से योगी आदित्यनाथ बने सीएम
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचेर गांव में 5 जून 1972 को जन्में आदित्यनाथ का असली नाम अजय मोहन बिष्ट है। इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और मां का नाम सावित्री देवी है। महंत अवेद्यनाथ महाराज द्वारा गोद लिए जाने के बाद से योगी हर जगह इन्हीं महाराज को अपना पिता लिखते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी इन्होंने एफिडेविट में पिता वाले कॉलम में इन्हीं का नाम लिखा था। उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित एचएन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से इन्होंने बीएससी की डिग्री हासिल की। लेकिन स्टूडेंट लाइफ के दौरान हिंदू धर्म में मिक्स होते वेस्टर्न कल्चर से ये अक्सर परेशान रहते थे। इसी बदलती सोसाइटी की वजह से इन्होंने संन्यासी बनने का फैसला किया। गोरखनाथ मठ के महंत अवेद्यनाथ 21 साल की उम्र में योगी को गोरखपुर लेकर आए थे। योगी की ऑफिशियल साइट 'yogiadityanath.in' के मुताबिक, ग्रैजुएशन के बाद 15 फरवरी 1994 को दीक्षा ग्रहण की। तभी नाम बदलकर योगी आदित्यनाथ रखा गया।

26 साल की उम्र में बने थे सांसद
अवेद्यनाथ के कहने पर ही योगी पॉलिटिक्स में आए। 1998 में सिर्फ 26 साल की उम्र में ही ये गोरखपुर से पहली बार सांसद बनें। 12 सितंबर 2014 को महंत अवेद्यनाथ के निधन के बाद योगी गोरखपुर के गुरु गोरक्षनाथ मंदिर के महंत बने। 2 दिन बाद उन्हें नाथ संप्रदाय के पारंपरिक अनुष्ठान के मुताबिक मंदिर का पीठाधीश्वर भी बना दिया गया।

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