सीबीआई ने जालसाज अशोक पाठक को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर वक्फ बोर्ड की संपत्ति बेचने का आरोप लगा है। उनके खिलाफ 2016 में एफआईआर दर्ज की गई थी।
लखनऊ: सीबीआई ने जालसाज अशोक पाठक को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने यह गिरफ्तारी 45 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में की है। उनके ऊपर वक्फ संपत्ति को बेचने का आरोप लगा है। 2016 में अशोक पाठक पर फर्जी हस्ताक्षर कर जमीन हड़पने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद 2020 में भी अशोक के खिलाफ एक मुकदमा हुआ था।
फर्जी कागजात बनाकर नाम की गई थी जमीन
गौरतलब है कि4 अशोक पाठक को दो मामलों को लेकर सीबीआई की विशेष अदालत में न्यायिक मजिस्ट्रेट स्मृद्धि मिश्रा के समक्ष पेश किया गया था। जहां से उन्हें आगामी 31 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं दूसरी ओर उनके अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थन पत्र पेश किया गया। जिसके बाद जवाब दाखिल करने को लेकर सीबीआई द्वारा मांगे जाने के कारण न्यायालय ने जमानत अर्जी पर जनसुनवाई के लिए आगामी 10 मई की तिथि नियत की है। सीबीआई की जांच में सामने आया अशोक कुमार पर आरोप मिले कि पुलिस ट्रेनिंग स्कूल की 300 बीघे जमीन के फर्जी कागजातों को बनाकर अपने नाम कर लिया गया। इसके बाद अशोक ने फर्जी हस्ताक्षर कर जमीन को बेंच लिया। सीबीआई के मुतवल्ली के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर जमीन को हड़पने की जांच शुरू की गई थी।
ये है पूरा मामला
हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई के उप निरीक्षक अमितोष श्रीवास्तव द्वारा अशोक पाठक व अधिवक्ता विनय जीत लाल शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने को लेकर तहरीर दी थी। यह तहरीर 4 फरवरी 2020 को सीबीआई की लखनऊ स्थित मुख्य शाखा में दी गई थी। अशोक पाठक पर आरोप लगा है कि उनके द्वारा खुर्शीद आगा की ओर से जिला मजिस्ट्रेट राजशेखर व अन्य के विरुद्ध उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के सामने अवमानना याचिका दाखिल की गई थी।
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