
लखनऊ: राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव चंपत राय ने मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया है। गन्ना संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चंपत राय ने कहा कि कोशिश है कि अगले साल दिसंबर में इस काम को पूरा कर लिया जाए। हालांकि उनके द्वारा यह भी कहा गया कि इसकी संभावनाएं कम हैं। लेकिन यह यह सोचकर चल रहे हैं कि गर्भ गृह का स्थान बन जाए और हम भगवान को वहां पर स्थापित कर दें।
चंपत राय की ओर से कहा गया कि दिसंबर का मतलब है कि जब सूर्य उत्तरायण में आएंगे। सूर्य 15 दिन बाद मकर संक्रांति को उत्तरायण में आएंगे। इससे ज्यादा लंबा समय नहीं खींचा जा सकता है। इसका कारण है कि 2024 में चुनाव को लेकर आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। लेकिन यह काम पत्थरों का है इसमें जल्दबाजी भी नहीं की जा सकती है।
राम की ऐतिहासिकता पर की चर्चा
चंपत राय की ओर से कहा गया कि 2014 पहले भारत सरकार ने सर्वोच्च न्यायलय में शपथ पत्र देकर कहा था कि राम कभी हुए ही नहीं, यह महज कल्पना मात्र हैं। महज तीन से चार दिन ही लगे होंगे उसके बाद भारत सरकार को अपना यह शपथपत्र वापस लेना पड़ा। जिस दौरान राम जन्मभूमि का आंदोलन हाथों में लिया गया था उस समय 10-15 पृष्ठों की पुस्तक से ज्यादा का साहित्य नहीं था। हालांकि आज के समय में 150 से भी अधिक ग्रंथ हैं जो भारतीयों, विदेशियों और आंदोलन का विरोध करने वालों ने भी लिखे हैं। कई किताबों के जरिए भगवान राम की ऐतिहासिकता सिद्ध कर चुके हैं।
युवाओं की ओर से भी रखे गए विचार
इस अवसर पर आयोजित व्याख्यान प्रतियोगिता में कई युवाओं ने भी अपने विचार रखे। रामराज्य और न्यायोचित और कल्याणकारी राज्य विषय पर अनिकेत शर्मा की ओर से कहा गया कि रामराज्य से आशय है कि एक धर्म प्रधान ऐसा राज्य जहां सिर्फ और सिर्फ धर्म का ही राज्य हो। राम राज्य एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें कर्म प्रधान होगा। रामराज्य के चार स्तंभ है इसमें संपन्नता और सुरक्षा, संस्कृतियों का सम्मान, प्रशासन और स्वास्थ्य शामिल है। भले ही आज हम राम राज्य से कोसों दूर हैं लेकिन यह आ सकता है।
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