
चंदौली: सरकार भले ही बेटी बचाओ को लेकर कई तरह के अभियान चला रही हो लेकिन लोगों की सोच बदलने का नाम नहीं ले रही है। समाज में भ्रूण हत्या समेत बेटियों के खिलाफ होने वाले तमाम अत्याचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला चंदौली जनपद से सामने आया है। यहां एक मां ने अपनी ही बच्ची को फेंक दिया। काफी प्रयास के बाद भी नवजात की जान नहीं बचाई जा सकी।
नवजात को जंगल में फेंका, रोने की आवाज सुनकर लोगों को हुई जानकारी
चंदौली में एक मां ने रात में भैसौड़ा बांध के नवजात को तलहटी में फेंक दिया। मां ने बच्ची को जिंदा ही जंगल के जानवरों को नोचने के लिए फेंका था। हालांकि गनीमत रही की बच्ची की रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोग एकत्रित हो गए। इसी बीच गांव की रहने वाली आशा नीलम भी वहां पर आ गई। नवजात की सांसे चल रही थी और इसी के चलते आशा बहू उसे अपने साथ घर लेकर गई। जानकारी होने पर चकरघट्टा पुलिस भी मौके पर पहुंची और नवजात को आशा के घर से बेहतर इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया। इसी बीच बच्ची की हालत गंभीर होता देख उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। उपचार के दौरान नवजात की सुबह मौत हो गई।
तीन माह पहले भी सामने आया था ऐसा ही मामला
मामले को लेकर थानाध्यक्ष हरिश्चंद्र ने जानकारी दी कि प्रकरण की जांच चल रही है। आसपास के ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है। मामले में सच सामने आने के बाद ठोस एक्शन लिया जाएगा। आपको बता दें कि तकरीबन तीन मार पहले भी चकिया नौगढ़ मुख्य मार्ग पर लौवारी खुर्द गांव के पास से सामने आया था। यहां भी किसी ने नवजात को झाड़ियों में फेंक दिया था। उसे ग्राम प्रधान की मदद से सीएचसी में भर्ती करवाया गया था। हालांकि बाद में उस बच्चे को चंदौली चाइल्ड केयर सेंटर भेज दिया गया था।
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