हरदोई से लखनऊ जाने वाली सड़क पर दो सांडों की भिड़ंत हो गई, जिसके बाद लोग अपनी जान बचाकर भागने के लिए मजबूर हो गए। सांडों के इस दंगल का किसी ने वीडियो बनाकर भी वायरल कर दिया जो चौंकाने वाला है।
हरदोई: राज्य के हर शहर की सड़कों पर आवारा जानवर घूमते हुए मिल जाते है। सिर्फ घूमते हुए ही नहीं बल्कि कभी-2 आतंक फैलाते हुए भी नजर आते है। इसी कड़ी में शहर की सड़क पर आवारा सांड का आंतक देखने को मिला। सिर्फ हरदोई ही नहीं बल्कि प्रदेश की हर सड़क आवारा पशुओं और खासकर सांडों की आपसी जंग का मैदान बनी नजर आती है। ऐसा ही लखनऊ रोड पर दो सांडों की भिड़ंत में राहगीर बाल बाल बचते दिखे। दोनों की कुश्ती से सड़क के दोनों तरफ अफरा तफरी मच गई।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
सांड़ों की कुश्ती का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। शहर में आए दिन आवारा पशुओं से परेशान राहगीर व दुकानदार इनको पकड़वाने की मांग कर चुके हैं लेकिन प्रशासन इनकी कोई भी सुध नहीं ले रहा है। आवारा पशुओं के आंतक से सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्र के लोगों को भी खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आवारा पशुओं के हमले से तो बहुतों ने अपनी जान तक गंवा दी है। बुधवार को हरदोई शहर के व्यस्ततम मार्ग जो कि हरदोई को राजधानी से जोड़ता है वहां दो सांडों की लड़ाई ने लोगों के बीच दहशत भर दी।
कई बार प्रशासन को की जा चुकी है शिकायत
शहर में दो सांड़ों की भिड़ंत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दोनों में इतनी जोरदार जंग हुई कि लोगों को अपनी दुकानें व राहगीरों को वहां से जान बचाकर भागना पड़ गया। लोगों का कहना है कि इन आवारा पशुओं से छुटकारा पाने के लिए प्रशासन को जनता की तरफ से कई बार शिकायत की जा चुकी है मगर ऐसा मालूम होता है कि फरियादियों की आवाज उनके कानों तक नहीं पहुंचती है इसी कारणवश शिकायतों को हर बार अनदेखा कर दिया जाता है।
आवारा पशुओं से प्रशासन को नहीं होती दिक्कत
प्रशासन की तरफ से अक्सर बड़ी-2 बातें सुनने को खूब मिल जाती है कि उनके द्वारा शहर से आवारा पशुओं को गौशालाओं में भेज दिया गया है। लेकिन वहीं दूसरी ओर सवाल यह उठता है कि जब गौशाला ही कागजों पर चल रही हो तो ऐसे में आवारा पशु गायब हों। खैर प्रशासन का क्या है समस्या तो आमजनमानस की है, जिन्हें रोज जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रशासन को सामना करना पड़ता तो अब तक इसका निवारण हो चुका होता। लेकिन इसकी समस्या जनता को करनी पड़ रही है इसलिए सिर्फ कागजों में आवारा जानवरों को गौशाला भेजा जा रहा है।
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