कोरोना काल में कवरेज के दौरान कई पत्रकार कोरोना से संक्रमित हो गए थे और कईयों का निधन हो गया। ऐसे में उनके परिजनों के सामने भरण-पोषण की मुश्किल आ गई है। इसे देखते हुए योगी सरकार ने दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को 10 लाख रुपए देने का फैसला किया है।
लखनऊ (Uttar Pradesh) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदी पत्रकारिता दिवस एक बड़ा ऐलान किया है। सीएम ने कोरोना काल में दिवंगत पत्रकारों के परिवारों को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया हैं। इसके लिए सीएम के निर्देश के बाद सूचना विभाग दिवंगत पत्रकारों का ब्यौरा जुटाने में लग गया है,जिससे जल्द से जल्द सहायता प्रदान की जा सकें। यह जानकारी सीएम योगी के मीडिया सलाहकार सचिव मृत्युंजय कुमार ने ट्विट कर दी।
पत्रकारों के परिवार के सामने थीं मुश्किलें
कोरोना काल में कवरेज के दौरान कई पत्रकार कोरोना से संक्रमित हो गए थे और कईयों का निधन हो गया। ऐसे में उनके परिजनों के सामने भरण-पोषण की मुश्किल आ गई है। इसे देखते हुए योगी सरकार ने दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को 10 लाख रुपए देने का फैसला किया है।
अनाथ बच्चों के शिक्षा और शादी का खर्च उठाएगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना प्रारंभ करने की घोषणा की है। जिसके तहत उत्तर प्रदेश ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को गंवा देने वाले निराश्रित बच्चों के भविष्य को संवारने का बीड़ा उठाया है। सरकार इन बच्चों की पढ़ाई के साथ ही विवाह का खर्च सरकार देगी। इनकी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सरकार लैपटॉप व टेबलेट भी देगी। बता दें कि योजना के तहत सरकार केयरटेकर को अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए 4000 रुपया प्रतिमाह देगी। जिन बच्चों ने दस वर्ष की कम उम्र में ही अपने मां-बाप को खो दिया है, उनको राजकीय बाल गृह में रखा जाएगा। अवयस्क बच्चियों की देखभाल के साथ और पढ़ाई के लिए उनको कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में रखा जाएगा।