
बलिया (Uttar Pradesh). निर्भया के बाबा से बदसलूकी करने वाले सीएमओ ने उनसे अपने बयान पर माफी मांग ली है। इसी के साथ निर्भया के गांववालों ने धरना भी खत्म कर दिया। सीएमओ डॉ पीके मिश्र और एसडीएम सदर अश्विनी कुमार ने निर्भया के बाबा को माला पहनाई और गले मिलकर जल्द गांव के अस्पताल में डॉक्टर की तैनाती की घोषणा की। वहीं, एसडीएम ने अस्पताल पर सप्ताह में 6 दिन डॉक्टर के बैठने का भरोसा दिलाया।
क्या है पूरा मामला
यूपी के बलिया में निर्भया का पैतृक गांव मेढ़वरा कलां है। यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं होने पर गांव वाले धरने पर बैठे थे। निर्भया के बाबा ने बताया था, बेटी का सपना था कि डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद वो गांव में अस्पताल खोले और यहां के लोगों का इलाज करे। लेकिन उसका सपना अधूरा रह गया। अखिलेश सरकार ने बेटी के नाम पर गांव में अस्पताल तो बनवाया लेकिन यहां डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई।
निर्भया के बाबा से क्या है बदसलूकी का मामला
अस्पताल में डॉक्टर की नियुक्ति को लेकर निर्भया के बाबा गांव वालों के साथ बीते कई दिनों से धरने पर बैठे थे। इस बीच जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रीतम कुमार मिश्र ने मौके पर पहुंच बाबा से कहा था, जिस गांव में कोई डॉक्टरी पढ़ा नहीं उस गांव के अस्पताल में डॉक्टर नहीं देंगे। पहले गांव में कोई डॉक्टरी पढ़े, फिर इसी अस्पताल में डॉक्टर बन जाए। गांव ने डॉक्टर तो बनाया नहीं तो अस्पताल क्यों खुलवाया? हम कहां से लाएं डॉक्टर। जितने पद हैं, उतने डॉक्टर ही पैदा नहीं होते। जिसने अस्पताल बनवाया, उससे डॉक्टर मांगें। यही नहीं, सीएमओ ने निर्भया को भी नहीं छोड़ा था। उन्होंने कहा था, कौन है निर्भया? अगर वह डॉक्टरी पढ़ रही थी तो दिल्ली क्यों गई?
सीएमओ ने कही ये बात
सीएमओ डॉ. पीके मिश्र ने अपने बयान पर खेद जताते हुए कहा, मैं किसी की भी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता। मैं न सिर्फ निर्भया के गांव के सम्मानित नागरिकों का बल्कि बलिया की सभी जनता की सेवा के लिए हमेशा तैयार हूं।
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