मुरादाबाद में गुरुवार को कर्मचारियों ने दो कोरोना निगेटिव लोगों के बजाए आइएफटीएम क्वारंटाइन सेंटर से दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों को उनके घर भेज दिया गया। जानकारी होने पर पड़ोसियों ने हंगामा कर दिया तो मामला पकड़ में आया
मुरादाबाद(Uttar Pradesh ). देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग दिन रात एक कर संदिग्धों के सैंपल मेने और उन्हें क्वारंटाइन करने में लगा हुआ है। यूपी के मुरादाबाद में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण चार लोगों की मौत होने के बाद भी जिम्मेदार लोग ही गैर जिम्मेदाराना कृत्य कर रहे हैं। मुरादाबाद में गुरुवार को कर्मचारियों ने दो कोरोना निगेटिव लोगों के बजाए आइएफटीएम क्वारंटाइन सेंटर से दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों को उनके घर भेज दिया गया। जानकारी होने पर पड़ोसियों ने हंगामा कर दिया तो मामला पकड़ में आया। जांच हुई तो स्टाफ की लापरवाही सामने आई। जिसके बाद घर से लाकर दोनों को विवेकानंद नर्सिंग कॉलेज आइसोलेशन वार्ड में कराया गया है।
मुरादाबाद में स्वास्थ्य कर्मियों की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां से आइएफटीएम क्वारंटाइन सेंटर से बुधवार रात 121 लोगों को क्वारंटाइन का समय पूरा होने पर घर भेजा गया था। इसी में लापरवाही से दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भी एंबुलेंस से उनके घर भेज दिया। दोनों की रिपोर्ट 21 अप्रैल को पॉजिटिव आई थी। इसकी जानकारी आसपास के लोगों को हुई तो उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। मामला पुलिस के पास पहुंचने पर क्वारंटाइन सेंटर से मरीजों का सत्यापन कराया गया। इस पर दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों के घर भेजे जाने की पुष्टि हुई तो प्रशासन में खलबली मच गई। एक मरीज इंद्राचौक और दूसरा पीरजादा का रहने वाला निकला।
एक जैसे नाम होने से हुई गलती
मुरादाबाद के सीएमओ डॉ. एमसी गर्ग ने बताया कि गलती से एक नाम के दो व्यक्तियों के होने की वजह से इस तरह की गलती हुई है। जानकारी मिलते ही दोनोंं को एंबुलेंस भेजकर विवेकानंद नर्सिंग कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया है। उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। शुक्रवार को अब इसकी पूरी जांच कराई जाएगी।