ऐसे जीतेंगे जंगःकोरोना वारियर्स स्वास्थ्य कर्मियों को ही परोसा जा रहा सड़ा-गला-बासी खाना,वायरल हो रही तस्वीरें

कर्मचारियों का कहना है कि एक कर्मचारियों के खाने के लिए 500 रुपए मिलते हैं, लेकिन उन्हें खाने ठीक से नहीं परोसा जा रहा है। सब्जी आदि गंदे तरीके से फर्श पर रखे गए हैं, जिससे सब्जियां सड़ रही हैं और उसे ही खाने में इस्तेमाल कर लिया जा रहा है, जो उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं। 
 

लखनऊ (Uttar Pradesh) । कोविड-19 के दौर में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं और अफसरशाही पर अब खुद डॉक्टर ही नाराजगी जता रहे हैं। उन्नाव में 16 डॉक्टरों के सामूहिक तौर पर इस्तीफा देने का मामला ठंडा नहीं हुआ कि राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में कोरोना वारियर्स स्टाफ नर्सों को सड़ा-गला और बासी खाना परोसे जाने का मामला सामने आ गया। जिसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। वहीं, गुरुवार को भी इससे नाराज होकर कर्मचारियों ने हंगामा भी किया। साथ इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की है। 

एक कर्मचारी खाने के लिए मिलता है 500
कर्मचारियों का कहना है कि एक कर्मचारियों के खाने के लिए 500 रुपए मिलते हैं, लेकिन उन्हें खाने ठीक से नहीं परोसा जा रहा है। सब्जी आदि गंदे तरीके से फर्श पर रखे गए हैं, जिससे सब्जियां सड़ रही हैं और उसे ही खाने में इस्तेमाल कर लिया जा रहा है, जो उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं। 

Latest Videos

 

 

जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन
कर्मचारियों ने सीएमएस डा. आरके गुप्ता से भी इसकी शिकायत की। जिन्होंने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, उनका कहना है कि एक कर्मचारी के खाने के लिए 500 मिलते हैं। उन्हें कहा गया है कि वो आपसी सहमति से साप्ताहिक मेन्यू तय कर लें, इसके बाद मेन्यू के हिसाब से खाना दिया जाएगा। 

 

 

16 डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे हुए वापस
उन्नाव में 16 डॉक्टरों का सामूहिक इस्तीफा वापस हो गया है। इसके पहले डीएम रविंद्र कुमार और सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार के साथ सभी डाक्टरों की बैठक हुई थी, जिसमे चिकित्साधिकारियों के साथ हो रही परेशानियों का समाधान करते हुए उनके साथ सद्भाव पूर्ण रवैया अपनाने के निर्देश दिए गए। आश्वासन मिलने के बाद ही नाराज डॉक्टरों ने सर्वसम्मति से अपना सामूहिक त्यागपत्र वापस लेने का फैसला लिया। अभी के लिए तो इस मामले को शांत कर दिया गया है,लेकिन डॉक्टरों द्वारा जिन मुद्दों पर नाराजगी जाहिर की गई थी, वो कई तरह के सवाल खड़े कर गई। डॉक्टरों ने बताया था कि उनसे सही तरीके से बात की नहीं की जाती है, उन्हें अपमानित महसूस करवाया जाता है।

 

 

इस कारण डॉक्टरों ने दिया था इस्तीफा
कोरोना संक्रमण में लगातार सेवाएं देने वाले डॉक्टर यानी 14 सीएचसी-पीएचसी प्रभारियों ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं और अधिकारियों से तंग आकर सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का पत्र डिप्टी सीएमओ तनमय कक्कड़ को सौंप दिया था। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। बताया जा रहा है कि फतेहपुर चौरासी और असोहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों पर दंडात्मक कार्रवाई किए जाने के बाद सामूहिक इस्तीफा दिया गया था।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Kharmas 2024: दिसंबर में कब से लग रहे हैं खरमास ? बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य
जय भवानी' PM Modi बोले- महाराष्ट्र में सुशासन और विकास की जीत, झूठ-छल-फरेब की हुई हार
LIVE 🔴 Maharashtra, Jharkhand Election Results | Malayalam News Live
Sambhal Jama Masjid: संभल में क्या है जामा मस्जिद सर्वे से जुड़ा विवाद? 10 प्वाइंट में समझें सबकुछ
'भविष्य बर्बाद न करो बेटा' सड़क पर उतरे SP, खुद संभाला मोर्चा #Shorts #Sambhal