अयोध्या जनपद में अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच कई घटनाएं ऐसी है जिनका खुलासा भी पुलिस की ओर से अभी तक नहीं किया गया है। नए कप्तान की जिम्मेदारी संभालने वाले प्रशांत वर्मा के लिए इन घटनाओं का खुलासा चुनौतीपूर्ण होगा।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ अयोध्या जिले में हत्याओं का भी ग्राफ बढ़ गया है। एक के बाद दूसरी लगभग एक महीने में आधा दर्जन से अधिक लोगों की हत्याएं अयोध्या के जिले में हो चुकी हैं। ताबड़तोड़ हो रही इन आपराधिक घटनाओं ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। कई घटनाओं का पुलिस ने पर्दाफाश किया तो अभी कई घटनाएं अनसुलझी है। उन्हें सुलझाने का प्रयास पुलिस टीम बनाकर कर रही है। बावजूद इसके अपराधी पुलिस की पकड़ से बहुत दूर है।
जून महीने से शुरू हुआ हत्याओं का सिलसिला अभी तक जारी
जून महीने से ही हत्या के आकड़ो को देखा जाए तो संख्या एक दर्जन को पार कर चुकी है। 1 जून को रामनगरी के कोतवाली क्षेत्र में एक गर्भवती शिक्षिका सुप्रिया वर्मा की निर्मम हत्या कर दी गई। 18 जून को रामनगरी के ही साधु वासुदेव दास की सड़ी लाश कमरे से बरामद की गई। 23 जून को कुमारगंज के कटघरे में वृद्ध राम चरण की हत्या गला दबाकर कर दी गई। 24 जून को पूराकलंदर के भरतकुंड माइनर में पप्पू वर्मा का शव मिला। इसी तरह खंडासा के नगीपुर में चौकीदार महेश यादव, पूराकलंदर अंजना गांव में दर्शन नगर निवासी विजय यादव , गुंधौर में अर्जुन ,हैदरगंज में प्रतापगढ़ निवासी रविकांत और मनोज की हत्या कर दी गई। यह सभी घटनाएं जून माह में ही हुई हैं। जुलाई लगते ही 3 तारिख को अमेठी के शिवरतगंज क्षेत्र का रहने वाला युवक पंकज शुक्ला की हत्या कुमारगंज थाना क्षेत्र के भुआपुर गांव में स्थित हनुमान मंदिर में कर दी गई। वह अपने मामा के यहां आया था।
अयोध्या के एसएसपी रहे शैलेश पांडे का तबादला, प्रशांत वर्मा को मिली जिम्मेदारी
अयोध्या के एसएसपी शैलेश पांडे का तबादला शनिवार को शासन ने प्रयागराज कर दिया। अब नए कप्तान की जिम्मेदारी प्रशांत वर्मा को सौंपी गई है। प्रशांत अभी तक कन्नौज में एसपी के पद पर तैनात थे। इन्होंने रविवार को पद ग्रहण कर लिया। अब प्रशांत वर्मा के लिए अयोध्या में हत्याओं का खुलासा करना चुनौतीपूर्ण कार्य होगा।
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