यूपी के कानपुर एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां एक मुर्दे ने सोशल ऑडिट का इंटरव्यू पास कर लिया। यही नहीं सकी ड्यूटी भी लगाई जा रही है। हालांकि, ऑडिट में उसे लगातार गैर हाजिर दिखाया जा रहा। मामले का खुलासा होने के बाद मचे हड़कंप पर जिम्मेदारों ने जांच कराने की बात कही है।
कानपुर (Uttar Pradesh). यूपी के कानपुर एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां एक मुर्दे ने सोशल ऑडिट का इंटरव्यू पास कर लिया। यही नहीं सकी ड्यूटी भी लगाई जा रही है। हालांकि, ऑडिट में उसे लगातार गैर हाजिर दिखाया जा रहा। मामले का खुलासा होने के बाद मचे हड़कंप पर जिम्मेदारों ने जांच कराने की बात कही है।
क्या है पूरा मामला
जनवरी 2019 में मनरेगा के कामों और प्रधानमंत्री आवास योजना का सोशल ऑडिट करने के लिए ऑडिट टीम के सदस्यों का चयन किया गया था। इसके लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 17 जनवरी 2019 थी। 11 से 17 फरवरी 2019 तक इंटरव्यू चला था। इसमें अमरौधा ब्लॉक में 32 सदस्यों का सिलेक्ट किया गया।
जिला विकास अधिकारी ने मुर्दे को इंटरव्यू में किया पास
डॉक्यूमेंट में किशुनपुर सट्टी के रहने वाले बीरेंद्र कुमार का भी इसमें सिलेक्शन हुआ। जबकि बीरेंद्र की 5 दिसंबर 2018 को ही मौत हो गई थी। उनकी मौत के डेढ़ महीने बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। कागजों में बीरेंद्र ने आवेदन किया। यही नहीं, तीन सदस्यीय समिति के सामने पेश होकर इंटरव्यू भी दिया। गौर करने वाली बात ये है कि इंटरव्यू लेने वाली समिति के अध्यक्ष जिला विकास अधिकारी थे। जिन्होंने मृतक को पास भी कर दिया। मृतक बीरेंद्र की ड्यूटी ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट के लिए लगाई जा रही है। हालांकि, रजिस्टर में वो लगातार अनुपस्थित दिखाया जा रहा है।
जिम्मेदारों का क्या है कहना
वहीं, मामला सामने आने के बाद जिम्मेदार अफसरों ने पहले तो यह मामला उनके कार्यकाल का नहीं है कहते हुए पलड़ा झाड़ लिया। बाद में चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजने की बात कही।