मकर संक्रांति पर जहरीली खिचड़ी खाने से पिता पुत्र की मौत, तीन बेटियों की हालत नाजुक

 केदार पांडेय आरपीएफ के रिटायर्ड जवान थे, जबकि उनके पुत्र सुनील पांडेय समाजवादी पार्टी के नेता थे। पिता-पुत्र की इस तरह मौत से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं।
 

Ankur Shukla | Published : Jan 16, 2020 1:13 PM IST

बलिया (Uttar Pradesh)। जहरीली खिचड़ी खाने से पिता-पुत्र की मौत हो गई, जबकि तीन बेटियों की हालत नाजुक बताई जा रही है। जिन्हें बीमार होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना बैरिया थाना क्षेत्र के भोजापुर गांव की है। 

पहले पिता की बिगड़ी हालत
मकर संक्रांति पर रात में आरपीएफ के रिटायर्ड जवान केदार पांडेय (70) के घर परंपरा के अनुसार खिचड़ी बनी थी। खिचड़ी खाने के बाद केदार पांडेय सोने के लिए पाही पर चले गए, जहां उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। पड़ोसियों ने उनके पुत्र सुनील पांडेय (40) को सूचना दी, जो उस समय खिचड़ी खा रहे थे। खिचड़ी खाने के बाद वो पिता को लेकर सोनबरसा पहुंचे। 

अस्पताल ले जाते समय बेटे की भी हालत खराब
केदार पांडेय की हालत देख डाक्टरों ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया। गांव के कुछ लोगों के साथ पिता को लेकर सदर अस्पताल के लिए चले कि रास्ते में सुनील की भी तबीयत बिगड़ने लगी। ग्रामीणों ने दोनों लोगों को ईलाज के लिए बलिया के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया।

पिता-पुत्र को भर्ती कराते बेटियों की हालत नाजुक
लोग पिता-पुत्र को अस्पताल में भर्ती कराए ही थे कि घर में सुनील पांडेय की तीन बेटियां निक्की (20), निधि (16) व नीति (13) की भी हालत खराब हो गई। परिजनों के मुताबिक वही खिचड़ी बेटियों ने भी खाया था जिससे उनकी भी तबीयत बिगड गई। जिन्हें ग्रामीणों ने सोनबरसा अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सकों ने उनकी स्थिति को भी गंभीर देखते हुए सदर अस्पताल रेफर किया, लेकर उन्हें एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। 

पहले पिता फिर पुत्र ने तोड़ा दम
नर्सिंग होम में रात करीब 12 बजे केदार पांडेय की मौत हो गई। परिजन शव सुबह ले जाने की तैयारी किए कि गुरुवार की भोर में चार बजे केदार पांडेय के पुत्र सुनील पांडेय की भी मौत हो गई। 

पत्नी और मां ने नहीं खाई थी खिचड़ी
सुनील पांडेय की पत्नी बेबी ने खाना नहीं खाया था, इसलिए वह बीमार नहीं पड़ी, मां गुजरावती देवी बलिया गई हुई थी। वहीं खिचड़ी  जहरीली कैसे हो गई, इसे लेकर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। हालांकि गांव के लोगों ने उसे गड्ढ़े में फेंकवा दिया। 
 

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