यूपी की राजधानी लखनऊ में 6 साल की मासूम से रेप के दोषी को 4 महीने में सुनवाई पूरी करते हुए फांसी की सजा सुनाई। साथ ही अभियुक्त पर 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। पॉक्सो कोर्ट के विशेष जज अरविन्द मिश्र ने कहा, दोषी की गर्दन में फांसी लगाकर उसे तब तक लटकाया जाए, जब तक उसकी मौत न हो जाए।
लखनऊ (Uttar Pradesh). यूपी की राजधानी लखनऊ में 6 साल की मासूम से रेप के दोषी को 4 महीने में सुनवाई पूरी करते हुए फांसी की सजा सुनाई। साथ ही अभियुक्त पर 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। पॉक्सो कोर्ट के विशेष जज अरविन्द मिश्र ने कहा, दोषी की गर्दन में फांसी लगाकर उसे तब तक लटकाया जाए, जब तक उसकी मौत न हो जाए। अगर दोषी को फांसी की सजा नहीं दी गई तो समाज में गलत संदेश जाएगा। इसने दुर्लभतम से दुर्लभ अपराध किया है। फांसी की सजा की पुष्टि के लिए मामले के सभी कागजात बिना देर किए हाईकोर्ट भेजा जाए।
क्या है पूरा मामला
मामला 15 सितंबर, 2019 का है। 6 साल की बच्ची के पिता ने सआदतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। एडीसीपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया, बबलू उर्फ अरफात ने वजीरबाग मोहल्ले में 6 साल की मासूम को टॉफी दिलाने के बहाने अगवा किया। इसके बाद ठाकुरगंज के गढ़ी पीर खां स्थित अपने घर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर गला दबा धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी। शव को उसने बेड के नीचे बॉक्स में छिपा दिया था।
सजा सुनते ही रोने लगा दोषी
बच्ची के पिता ने बताया था कि मासूम को आखिरी बार बबलू के साथ देखा गया था। जिसके बाद पुलिस उसके घर पहुंची, जहां मासूम का गला रेता हुआ शव बरामद हुआ था। पूछताछ में बबलू ने रेप के बाद हत्या की बात कबूल की थी। वहीं, फांसी की सजा सुनते ही दोषी बबलू फफक कर रोने लगा। उसने जज के सामने हाथ जोड़कर कहा, साहब गलती हो गई, माफ कर दीजिए। लेकिन जज ने उसकी बातों पर ध्यान दिए बिना अपना फैसला सुनाया।
बच्ची की मां को दी जाएगी जुर्माने की राशि
कोर्ट ने अभियुक्त बबलू को धारा 302 में मौत की सजा दी। 20 हजार के जुर्माने से भी दंडित किया। कोर्ट ने कहा है कि जुर्माने की समस्त धनराशि बच्ची की मां को दी जाएगी।