अव्यवस्थाओं का माघ मेलाः 150 टेंट में रहने वाले श्रद्धालुओं के लिए सिर्फ एक नल, 50 कल्पवासी पर होगा एक शौचालय

संगम की रेती पर लगने वाले माघ मेले में इस बार अव्यस्वथाओं का बोलबाला होगा। मेला प्रशासन यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में फिसड्डी साबित हो रहा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भले ही माघ मेले को मिनी कुम्भ की तर्ज पर मनाने का प्लान तैयार किया हो, लेकिन व्यवस्था देखने वाले अधिकारियों की उदासीनता के चलते उनका प्लान कामयाब होता नहीं दिख रहा। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 4, 2020 1:32 PM IST / Updated: Jan 04 2020, 07:06 PM IST

प्रयागराज (Uttar Pradesh). संगम की रेती पर लगने वाले माघ मेले में इस बार अव्यस्वथाओं का बोलबाला होगा। मेला प्रशासन यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में फिसड्डी साबित हो रहा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भले ही माघ मेले को मिनी कुम्भ की तर्ज पर मनाने का प्लान तैयार किया हो, लेकिन व्यवस्था देखने वाले अधिकारियों की उदासीनता के चलते उनका प्लान कामयाब होता नहीं दिख रहा। बता दें, 10 जनवरी से माघ मेले की शुरुआत हो जाएगी, जोकि 43 दिन तक चलेगा।

मेले में 50 कल्पवासियों के लिए एक शौचालय की व्यवस्था की गई है। वो भी अभी सिर्फ वादा किया गया है। वहीं, पेयजल के लिए 150 टेंट के कल्पवासियों के लिए एक नल की व्यवस्था है। कल्पवासियों के लिए टेंट सिटी तैयार करने वाले पुरोहितों को अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा। hindi.asianetnews.com ने संगम में कल्पवासियों के लिए टेंट सिटी बसाने वाले पुरोहित विनोद पाठक और राजेश पाठक से बात की। 

शौचालय न मिलना सबसे बड़ी समस्या 
माघ मेले में सुविधाओं के नाम पर कल्पवासियों को कुछ नहीं दिया जा रहा। 100 टेंट के लिए बामुश्किल एक या दो शौचालय देने की कवायद की जा रही। ऐसे में मेले में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को बड़ी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। पुरोहित विनोद पाठक ने बताया, कल्पवासियों के लिए शौचालय न मिलने से काफी समस्याएं बढ़ गई हैं। हर बार मेले में प्रति टेंट एक शौचालय प्रशासन द्वारा दिया जाता था। लेकिन इस बार प्रशासनिक मदद न मिलने से कल्पवासियों के लिए बड़ी समस्याएं खड़ी हो सकती है। हमें अन्नपूर्णा मार्ग पर जमीन आवंटित की गई है। जिसमें करीब 150 टेंट कल्पवासियों के लिए लग भी चुके हैं। लेकिन अभी तक एक भी शौचालय नहीं दिया गया। कुछ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि पूरे शिविर के लिए एक शौचालय दिया जाएगा, जबकि कुछ कह रहे हैं 50 कल्पवासी के लिए एक। ऐसे में अभी तक कुछ भी साफ नहीं बताया गया, जबकि दो दिन बाद ही माघ मेले की शुरुआत होने जा रही है। 

पेयजल के लिए सिर्फ एक नल का सहारा 
पुरोहित राजेश पाठक के मुताबिक, उनके शिविर के लिए सिर्फ एक नल दिया गया है। उन्होंने भी करीब 150 टेंट लगाए हैं। अनुमान है कि उसमें कुल 400 से अधिक श्रद्धालु रहेंगे। लेकिन अभी तक पेयजल की कोई व्यवस्था न हो पाना चिंता का सबब है। शौचालय व पेयजल के साथ ही बिजली की भी समस्या काफी परेशानी पैदा कर रही है। अभी तक खम्भों में लाइट नहीं लगाई गई।  

जमीन आवंटन में देरी से बढ़ी परेशानी 
माघ मेला क्षेत्र में भूमि आवंटन में प्रशासनिक स्तर पर देरी के चलते अव्यवस्थाएं बढ़ गई हैं। जमीन नहीं मिलने से नाराज संत धरना भी दे चुके हैं। लेकिन सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। पांच जनवरी को भूमि आवंटन की बात कही जा रही है, लेकिन कहां जमीन मिलेगी इस बारे में कोई भी बताने के लिए तैयार नहीं है। जमीन ने मिलने से कल्पवासियों के लिए समस्याएं बढ़ गई हैं।

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