श्रृंगार गौरी व गणेश पूजन से शुरू हुआ विवाद यूं मस्जिद तक पहुंचा, पढ़ें काशी के ज्ञानवापी विवाद का पूरा मामला

सर्वे और वीडियोग्राफी के पहले दिन का काम दोपहर 3 बजे से से शुरू होकर देर शाम तक चला और अब थी कार्य अगले दिन भी होगा। इसी सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में दोनों पक्षों की ओर से जमकर हंगामा हुआ।

Hemendra Tripathi | Published : May 6, 2022 3:08 PM IST / Updated: May 06 2022, 09:10 PM IST

वाराणसी: शुक्रवार को देश-विदेश की नजरें यूपी के वाराणसी (Varanasi) स्थित काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath) पर टिकी रहीं। ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर में सर्वे व वीडियोग्राफी के पहले दिन की शुरुआत हुई। इसी बीच कहीं बाबा विश्वनाथ धाम के बाहर नमाज पढ़ने का मामला सामने आने लगा तो कहीं ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हो रहे सर्वे के विरोध में नारेबाजी की गूंज सुनाई देने लगी। सर्वे और वीडियोग्राफी के पहले दिन का काम दोपहर 3 बजे से से शुरू होकर देर शाम तक चला और अब थी कार्य अगले दिन भी होगा। इसी सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में दोनों पक्षों की ओर से जमकर हंगामा हुआ।

18 अगस्त को दाखिल हुई थी याचिका 
आइए, आपको बताते हैं कि आज सर्वे के दौरान हो रही नारेबाजी के पीछे की असल वजह क्या है। 18 अगस्त 2021 को दिल्ली की पाँच महिलाओं ने बनारस की एक अदालत में एक याचिका दाखिल की थी। इन महिलाओं का नेतृत्व राखी सिंह कर रही हैं। उन महिलाओं का कहना है कि उन्हें मस्जिद परिसर में मां शृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, आदि विशेश्वर, नंदीजी और मंदिर परिसर में दिख रहे दूसरी देवी-देवताओं का दर्शन, पूजा और भोग करने की इजाज़त होनी चाहिए। इतना ही नहीं, इन महिलाओं का यह भी दावा है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से सटा हुए दशाश्वमेध पुलिस थाने के वार्ड के प्लॉट नंबर 9130 में माँ शृंगार देवी, भगवान हनुमान और गणेश, और दिखने वाले और अदृश्य देवी देवता मौजूद हैं। 

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अधिवक्ता आयुक्त की नियुक्ति की रखी थी मांग
इन महिलाओं ने अपनी याचिका में एक अलग से अर्जी भी दी थी। जिसमें उन्होने मांग रखी थी कि कोर्ट एक अधिवक्ता आयुक्त (एडवोकेट कमिश्नर) की नियुक्ति करे, जो इन सभी देवी देवताओं की मूर्तियों के अस्तित्व को सुनिश्चित करे। जिसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निरीक्षण को मंज़ूरी दी और 8 अप्रैल 2022 को निचली अदालत ने स्थानीय वकील अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर परिसर का निरीक्षण कर और निरीक्षण की वीडियोग्राफी करने के आदेश दिए। इतना ही नहीं, एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को निरीक्षण और उसकी वीडियोग्राफी करने की लिए ज़रुरत पड़ने पर स्थानीय प्रशासन को पुलिस बल मुहैया कराने के आदेश भी दिए। 

वीडियोग्राफी और सर्वे के बाद एडवोकेट कमिश्नर पर लगाए गंभीर आरोप
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी मस्जिद में पहले दिन वीडियोग्राफी और सर्वे का काम खत्म हुआ, और अब सर्वे का काम कल यानी शनिवार को भी होगा। वीडियोग्राफी और सर्वे करके बाहर आए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने एडवोकेट कमिश्नर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'ज्ञानवापी परिसर में पश्चिम तरफ स्थित चबूतरे की वीडियोग्राफी कराई गई। इसके बाद 5:45 बजे एडवोकेट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद के प्रवेश द्वार को खुलवाकर अंदर जाने का प्रयास किया तो हमने विरोध किया। उन्हें बताया कि अदालत का ऐसा कोई आदेश नहीं है कि आप बैरिकेडिंग के अंदर जाकर वीडियोग्राफी कराएं। लेकिन, एडवोकेट कमिश्नर ने कहा कि उन्हें ऐसा आदेश है।

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