उन्नाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की जिलाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, चुनावी परिणाम में मिली हार बताई असल वजह

Published : Mar 11, 2022, 04:00 PM IST
उन्नाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की जिलाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, चुनावी परिणाम में मिली हार बताई असल वजह

सार

कांग्रेस की जिला अध्यक्ष व बांगरमऊ से प्रत्याशी आरती बाजपेई ने 10 मार्च के बाद इस्तीफा दे दिया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जिलाअध्यक्ष को बागंरमऊ से प्रत्याशी बनाया था। आरती बाजपेई ने कहा कि स्वयं सहित सभी प्रत्याशियों की हार की वजह से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।

उन्नाव: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Vidhansabha Chunav) के परिणाम 10 मार्च को सामने आ चुके है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत के साथ जीत हासिल की है। विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने भी जनादेश को स्वीकार कर लिया है। साथ ही विधानसभा चुनाव में हार को लेकर नेता अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है। लेकिन कांग्रेस की जिला अध्यक्ष व बांगरमऊ से प्रत्याशी आरती बाजपेई ने 10 मार्च के बाद इस्तीफा दे दिया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जिलाअध्यक्ष को बागंरमऊ से प्रत्याशी बनाया था। आरती बाजपेई ने कहा कि स्वयं सहित सभी प्रत्याशियों की हार की वजह से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। दरअसल उन्नाव की सभी 6 विधानसभा सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। 

बता दें कि बांगरमऊ विधानसभा सीट पर शुरुआती रुझानों में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिली, लेकिन जीत दर्ज करने में बीजेपी सफल रही। इस सीट पर बीजेपी के श्रीकांत कटियार को जीत मिली है। उन्नाव की बांगरमऊ विधानसभा सीट से भाजपा से श्रीकांत कटियार, सपा से मुन्ना अल्वी, कांग्रेस से आरती बाजपेयी, बसपा से राम किशोर पाल, आप से सत्येन्द्र मैदान में थे।

2017 में कुलदीप सिंह सेंगर ने पहली बार खिलाया था कमल 
उन्नाव जिले की 6 विधानसभा सीटों में से एक बांगरमऊ की विधानसभा सीट पिछले दिनों काफी सुर्ख़ियों में रही थी। बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर रेप मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उपचुनाव हुआ और बीजेपी के श्रीकांत कटियार विजयी हुए थे। बीजेपी ने फिर से श्रीकांत कटियार को ही प्रत्याशी बनाया था। उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के डॉ. मुन्‍ना, कांग्रेस की आरती वाजपेयी और बीएसपी के राम किशोर पाल से था. चौथे चरण के तहत यहां 23 फरवरी को मतदान हुआ था।

बांगरमऊ विधानसभा सीट पर 2017 में कुलदीप सिंह सेंगर ने पहली बार कमल खिलाया था। लेकिन यह सीट सरकार बनने के बाद से ही सुर्खियों में आ गई। कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एक नाबालिग रेप का आरोप लगाकर लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया। इसके बाद मुखर विपक्ष ने इस मुद्दे पर जमकर राजनीति की। इसके बाद मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया। 2020 में सेंगर को आजीवन कारावास होने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ और बीजेपी के श्रीकांत कटियार विजयी रहे।

करीब साढ़े तीन लाख से ज्यादा मतदाता
बांगरमऊ विधानसभा सीट पर तकरीबन साढ़े तीन लाख से ज्यादा मतदाता हैं। इस सीट पर पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की संख्या अधिक है। ब्राह्मण, ठाकुर, गुप्ता, कलवार और यादव मतदाता बड़ी तादाद में हैं। पाल, पासी के साथ ही दलित मतदाता भी बांगरमऊ विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

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