राजधानी लखनऊ में चल रहे 11वें डिफेंस एक्सपो शामिल भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को कई देशों ने खरीदने की इच्छा जाहिर की है। डीआरडीओ के चीफ सतीश रेड्डी ने कहा, ब्रह्मोस को खरीदने के लिए कई देश सामने आ चुके हैं। लेकिन इसे सिर्फ उन्हीं देशों को बेचा जाएगा, जिनके साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।
लखनऊ (Uttar Pradesh). राजधानी लखनऊ में चल रहे 11वें डिफेंस एक्सपो शामिल भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को कई देशों ने खरीदने की इच्छा जाहिर की है। डीआरडीओ के चीफ सतीश रेड्डी ने कहा, ब्रह्मोस को खरीदने के लिए कई देश सामने आ चुके हैं। लेकिन इसे सिर्फ उन्हीं देशों को बेचा जाएगा, जिनके साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। रक्षा निर्यात को पांच बिलियन डॉलर तक पहुंचाने में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) एक अहम भूमिका निभाएगा।
फीलिपींस और वियतनाम ने भी मांगी ब्रह्मोस की जानकारी
उन्होंने कहा, ब्रह्मोस डीआरडीओ का एक अति महत्वपूर्ण प्रोडक्ट है। हम इसे निर्यात करने पर विचार कर रहे थे। इस मिसाइल सिस्टम के बारे में दुनिया के कई देशों ने जानकारी मांगी है। इसमें फीलिपींस और वियतनाम भी शामिल हैं। इसके अलावा अन्य उत्पादों को भी बेचा जा सकता है। जैसे राडार, एंटी टैंक मिसाइल, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों के साथ ही विभिन्न प्रकार की पनडुब्बियों को हम अन्य देशों को बेचना चाहते हैं।
क्या है ब्रह्मोस की खासियत
यह दुनिया की इकलौती सुपरसोनिक मिसाइल है, जो सबमरीन, युद्धपोत, लड़ाकू विमान और जमीन पर लांचिंग पैड से फायर की जा सकती है। मेक इन इंडिया के तहत रूस के साथ मिलकर भारत ने ब्रह्मोस को डेवलेप किया है। ये 300 किलोमीटर की दूरी तक आसानी से मार कर सकती है।